सुबह-सुबह भारतियों के ”गुड मॉर्निंग” से क्यों परेशान है सिलिकॉन वैली के इंजीनियर?

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    सिलिकॉन वैली में गूगल शोधकर्ता यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि ऐसा क्यों हो रहा कि दुनिया के आधे से ज्यादा मोबाईल फोन फ्रीज हो रहे। और भारत में तो हर तीन मोबाईल फोन यूज़र में एक यूज़र के फोन का स्पेस हमेशा भरा रहता है।

    ”इसका जवाब है, गुड मार्निंग”

    जी हां गूगल ने शोध में यह बताया कि सुबह-सुबह लोगों द्वारा एक दूसरे को गुड मार्निंग मैसेज के साथ फूल पत्तियों वाले वॉलपेपर,टैड़ी बियर,जीफ इमेज,विडियो,आडियो आदि इसका सबसे बड़ा कारण हैं।शोध में बताया गया है कि किस तरह भारतीय लोग वाट्सऐप के माध्यम से सैकड़ों की संख्या में सूरज उगने से पहले ही हर सुबह एक दूसरे को गुड मार्निंग मैसेज भेजते हैं और सूरज ढ़लने तक अपने दोस्तों,परिवारजन,ऑफिस में काम करने वालों से लेकर अंजान लोगों तक यह मैसेज भेजते हैं। जहां एक तरफ पहले से 10 गुना ज्यादा लोग गूगल पर गुड मार्निंग ईमेज सर्च यानि की ढ़ूढ़ते हैें वहीं अब लोग पिनट्रेस्ट के कोटेशन वाले ईमेज को भी इस्तेमाल करते नज़र आ रहे हैं।

    आपको बतादे कि केवल भारत में एक महीने में व्हाट्सऐप के तकरीबन 200 मिलियन यूज़र है जो भारत को व्हाट्सएप इस्तेमाल का सबसे बड़ा मार्केट बनाता है,पिछले साल व्हाट्सऐप के नए स्टेसस के फंक्शन के माध्यम से यूजर एक साथ सभी तक कोई भी मैसेज पहुंचा सकता है।

    जहां एक तरफ व्हाट्सएप का क्रेज युवाओं में बहुत ज्यादा हैं वहीं हम उम्रदराज़ लोगों को भी दरकिनार नहीं कर सकते।इस समय भारत में लगभग हर उम्र के लोग व्हाट्सएप का इस्तमेाल कर रहे हैं और इसके बारे में जानते हैं।

    messages 70 साल के प्रोफेसर गणेश सैली से इस बाबत न्यूज़पोस्ट से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि ”सुबह मेरे उठने से भी पहले से लोगों के गुड मार्निंग मैसेज आने लगते हैं,इसलिए मैं अपना वाट्सएप साइलेंट पर रखता हूं।सुबह उठने के बाद फोन में मौजूद लगभग सभी ग्रुप में हजारों गुड मार्निंग मैसेज होते हैं जिसकी कोई जरुरत नहीं होती।एक तो यह फोन की मैमोरी फुल करता हैं दूसरा यह सुबह-सुबह काम में बांधा डालता है।”

    दूसरी तरफ 21 साल की स्टूडेंट अर्पिता नेगी से बातचीत में उन्होंने कहा कि ”यह गुड मार्निंग मैसेज भेजने की वजह मुझे आज तक नहीं समझ आई,लोग रंग-बिरंगे फूल,टैडी बियर,चिड़ियो वाली वॉलपेपर सुबह-सुबह भेजना शुरु कर देते हैं।एक तो इससे पढ़ाई में बहुत डिर्स्टबेंस होती है दूसरा यह ईमेंज वाट्सएप की स्पीड कम कर देते हैं।अर्पिता कहती हैं आधी बार तो अंजान लोग भी ग्रुप में लंबे-चौड़े मैसेज और विडियो के माध्यम से गुड मार्निंग और गुड नाईट विश करते हैं जिसकी कोई जरुरत नहीं होती।उन्होंने कहा कि मैं तो सुबह उठते ही अपना फोन म्यूट पर रख देती हूं कि मुझे इन मैसेजेस से पढ़ाई में कोई रुकावट ना हो।”

    वाट्सएप पर बने ग्रुप में भी लोग सुबह-सुबह गुड मार्निंग मैसेज भेजने लगते हैं,चाहे वह ऑफिस का ग्रुप ही क्यों ना हो,हालांकि कुछ ग्रुप पर यह भी निवदेन किया जाता है कि सुबह-सुबह ऐसे मैसेज करने से बचे लेकिन फिर भी बहुत से लोग हैं जो गुड मार्निंग और गुड नाईट दोनों मैसेज भेजते हैं।

    इतना ही नहीं किसी भी खास मौके पर जैसे कि गणतंत्र दिवस,नया साल,जन्मदिन की शुभकामनाएं,रक्षाबंधन,दीवाली,होली से लिए लगभग हर त्यौहार की शुभकामनाएं लोग व्हाट्सएप के जरिए भेजते हैं और ऐसे छोटे-छोटे बहुत से त्यौहारों पर लोग शुभकामनाओं के मैसेज की झड़ी लगा देते हैं।

    आपको बतादें कि एक शोध के अनुसार भारत में 1जनवरी 2018 को 20 मिलियन से ज्यादा नए साल के मैसेज का आदान-प्रदान किया गया था जो कि एक रिकॉर्ड हैं और भारत इसमें सबसे आगे है।