देहरादून। नोटबंदी के दौरान खातों में कालाधान जमा करने वालों पर अब आयकर का शिकंजा कसने वाला है। विभाग अब तमाम ऐसे संदिग्ध खातों को शॉटलिस्ट करने का काम कर रहा है। विभाग ने तकरीबन 3500 खाताधरकों को नोटिस जारी किया है।
आयकर के रडार पर हजारों खाते
मंगलवार को हर तरह की रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि (खातों के अनिवार्य ऑडिट के दायरे वाले लोग या कंपनी) समाप्त होने के बाद आयकर विभाग सक्रिय हो गया है। अब तक ऐसे लोगों या कंपनी के पास यह तर्क था कि उनके पास रिटर्न फाइल करने का समय है और वह रिटर्न में बता देंगे कि जमा हुई राशि का जरिया क्या है। नोटबंदी में सामान्य से अधिक राशि जमा करने वाले लोगों या कंपनी को आयकर विभाग ने 3500 से अधिक नोटिस जारी किए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में वह खाताधारक भी शामिल हैं, जिनके रिटर्न फाइल करने की तिथि मंगलवार को समाप्त हो गई है।
नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर मुख्य आयकर आयुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह तथ्य सामने रखे। उन्होंने कहा कि विभाग अभी तक कुल 3500 नोटिस जारी कर चुका है। इनमें 2500 के करीब ऐसे नोटिस हैं, जिनके खातों में 10 लाख रुपये तक जमा कराए गए। जबकि कुछ खातों में 50 लाख या एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी जमा कराई गई। जो नोटिस आयकर विभाग ने जारी किए हैं, उनमें से 60 फीसद के ही जवाब आए हैं। शेष ने नोटिस का किसी तरह का जवाब नहीं दिया। जिनका जवाब आया भी है, उनमें से अधिकतर लोगों ने यही हवाला दिया कि जब रिटर्न फाइल करेंगे, तब रकम का स्रोत बता देंगे। लेकिन अब मंगलवार के बाद किसी भी तरह का रिटर्न फाइल नहीं किया जाना है। जिसके बाद एक सप्ताह में विभाग ऐसे खातों की जांच शुरू कर देगा। खातों में कितना कालाधन जमा किया गया, उसका पता लगाने के लिए संबंधित के पिछले सालों की आय व अन्य पड़ताल की जाएगी। जरूरत पड़ी तो विभाग छापेमारी करने से भी पीछे नहीं हटेगा।
स्कीम में 225 करोड़ रुपये कालाधन घोषित
आयकर विभाग ने पूर्व में जो इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस) व प्रधानमंत्री जनकल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) चलाई थी, उसमें करीब 500 लोगों ने 225 करोड़ रुपये कालाधन घोषित किया। मुख्य आयकर आयुक्त गुप्ता ने बताया कि इसमें 195 करोड़ रुपये आईडीएस व 30 करोड़ रुपये कालाधन पीएमजीकेवाई में घोषित किया गया।
2000 अधिक रिटर्न फाइल
नोटबंदी के दौरान खातों में रकम जमा करने को लेकर आयकर विभाग ने जो नोटिस जारी किए थे, उसका असर रिटर्न फाइलिंग की बढ़ी संख्या के रूप में सामने आया। खातों में जमा राशि को जायज बताने के लिए करीब 2000 अतिरिक्त रिटर्न फाइल की गई। इससे निश्चित रूप में टैक्स भी बढ़ा होगा। आने वाले समय में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी और इसके बेहतर परिणाम सामने होंगे।