काश्तकारों की चौलाई की फसल कीड़ों ने कर दी बर्बाद

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उत्तरकाशी जिले में अस्सी गंगा घाटी क्षेत्र के अधिकतर ग्रामीणों की चौलाई और आलू की खेती पर ही आजिविका निर्भर है, लेकिन इस सीजन में उनकी चौलाई की फसल को कीड़ों ने बर्बाद कर दी है। जबक‌ि बारीश से खस्ताहाल हुए पैदल मार्गों की वजह से काश्तकार आलू की फसल को भी मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। यहां के मार्ग वन विभाग और जिला पंचायत के अंर्तगत आते हैं, परंतु दोनों ही कोई कदम उठाने को तैयार नहीं हैं।

संगमचट्टी क्षेत्र में पड़ने वाली अस्सी गंगा घाटी के सेकू, गजोली, भंकोली, अगोड़ा सहित नौ गांवों के काश्तकारों पर इस साल कुदरत ने जमकर कहर बरपाया है। चौलाई और आलू पर आ‌धारित अर्थव्यवस्था को कीड़ों और बारिश ने बर्बाद कर दिया है। ऐसे में प्रशासन ने भी यहां के किसानों की समस्याओं पर आंख मूंद ली है।

सेकू गांव के पूर्व जिला पंचायत सदस्य, कमल सिंह रावत ने बताया कि, “कीड़ों द्वारा तबाह की गई चौलाई की फसल के बाद अब आलू की फसल पर ही सारी उम्मीदें टिकी हैं लेकिन सभी पैदल मार्ग बंद होने की वजह से हम फसल को बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। इन जानलेवा मार्गों पर घोड़े खच्चर तो क्या इंसान भी नहीं चल सकते हैं। जिला पंचायत और वन विभाग से कई बार शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।”

वहीं डीएफओ संदीप कुमार ने कहा कि, “वन क्षेत्र में आने वाले सभी मार्गों की मरम्मत के लिए शासन प्रशासन से बजट मांगा गया है। अस्सी गंगा घाटी के ग्रामीण अपने क्षेत्र के मार्गों की जानकारी विभाग में दे सकते हैं। जिसके बाद इनके पुनः निर्माण के लिए प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।”