सिंचाई विभाग के कार्यों की होगी जांच

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सिंचाई विभाग कोटद्वार के माध्यम से कराए गए समस्त कार्य संदेह के घेरे में हैं। इनकी जांच के लिए जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल सुशील कुमार ने निर्देश दिए। इन कार्यों की तकनीकी विशेषज्ञों की टीम से जांच कराई जाएगी।

जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) की बैठक में जिलाधिकारी ने कोटद्वार क्षेत्रांतर्गत सिंचाई विभाग के द्वारा बीते तीन सालों में किए गए निर्माण कार्यों की जांच के आदेश दिए। उन्होंने विभाग के निम्न स्तरीय डिजाइन और बिना सर्वे के निर्माण कार्य किए जाने की आशंका जताई। उन्होंने अधिशासी अभियंताओं के बैठक से नदारद होने व निर्माण निगम की कार्यों की सुस्त गति पर भी नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोटद्वार क्षेत्र में सिंचाई विभाग की ओर से बेतरतीब निर्माण कार्य किए गए हैं। उन्होंने सीडीओ को बाकायदा तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर विभाग के निर्माण कार्यों की जांच के निर्देश दिए। डीएम ने निर्माण निगम, लोनिवि, ग्रामीण विकास विभाग, सिंचाई समेत सभी निर्माणदायी विभागों को नाबार्ड के तहत होने वाले निर्माण कार्यों को एक माह में पूरा करने के भी निर्देश दिए।
डीएम ने निर्माण निगम की ओर से किए जा रहे निर्माण कार्यों की सुस्त गति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कार्य पूर्ण नहीं होने पर विभागों को धनराशि नाबार्ड को सरेंडर करने, तकनीकी संस्थानों से परियोजनाओं के साइन बोर्ड चस्पा करने, जलापूर्ति विभाग को नाबार्ड से धनराशि प्राप्त कर अधिक से अधिक प्रोजेक्ट तैयार करने और पेयजल विभाग की ओर से शीघ्र ही पौड़ी और श्रीनगर में इलेक्ट्रिक मीटर लगाने के निर्देश दिए।
नाबार्ड के तहत वित्त पोषित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक का संचालन करते हुए डीएम बिजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि आरआईडीएफ के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को सितंबर माह के अंत तक पूरा किया जाना है। उन्होंने विभागों से परियोजनाओं में चरणबद्ध तरीके से वांछित प्रगति लाने व निर्धारित समय पर परियोजना को पूरा करने को कहा।