नहीं रहीं “अम्मा”!! जयललिता का लंबी बीमारी के बाद निधन

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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेत्रियों में से एक जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया। वह 68 वर्ष की थीं और तकरीबन पिछले 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं। जयललिता को रविवार शाम दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। अपोलो के डॉक्‍टरों ने उनके निधन की पुष्टि एक प्रेस रिलीज़ जारी कर किया।
जब पहली बार सितंबर में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उनकी पार्टी ने कहा था कि उन्हें डिहाइड्रेशन और बुखार है लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि उनकी हालत गंभीर है। उन्हें कई सप्ताह तक रेस्परटोरी सपोर्ट पर रखा गया। लंदन और दिल्ली से विशेषज डॉक्टरों को भी उनकी निगरानी के लिए बुलाया गया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों भी उन्हें देखने अस्पताल आए थे।उनकी पार्टी ने कहा था कि वह महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दे रही है और कभी-कभी उनसे मिलने वाले लोगों से बात कर रही हैं।

2014 में भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी हो जाने के बाद भी उनके लाखों समर्थकों का ‘अम्मा’ से भरोसा नहीं डिगा। शोक प्रकट करने के लिए सैकड़ों समर्थकों ने अपने सिर मुड़ा लिए थे और जयललिता के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया था। समर्थकों द्वारा गुस्से में आकर बसें जलाए जाने के बाद उन्होंने जेल से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।

फिल्मी दुनिया से राजनीति की दुनिया तक का समय तय करने वाली जयललिता तमिलनाडु की चार बार मुख्यमंत्री बनीं और डीएमके पार्टी का राज्य में विकल्प बनीं। इस वर्ष मई में भारी बहुमत से जीत दर्ज करके उन्होंने इतिहास रच। पिछले तीन दशक में यह पहला मौका था जब किसी मुख्यमंत्री को लगातार दूसरी बार जीत मिली थी.

2014 में, आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया। इस केस का ट्रायल पड़ोसी राज्य कर्नाटक में चला था और उनकी प्रतिद्वंदी पार्टी डीएमके द्वारा केस दायर किया गया था। 9 माह बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। इसके बाद उन्होंने फिर से राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया था।

जयललिता के निधन पर राष्ट्रपति,उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कांग्रेस अद्ययक्ष, उापाध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के तमाम नेताओं ने दुख व्यक्त किया।
जयललिता के जीवन के कुछ पड़ाव

  • जयललिता को उनके प्रशंसक और उनकी पार्टी एआईएडीएमके के नेता, समर्थक प्यार से ‘अम्मा’ या मां कहते थे। उन्हें पुरात्चि थलाइवी (क्रांतिकारी नेत्री) भी कहा जाता था।
  • जयललिता का जन्म 24 फरवरी, 1948 को कर्नाटक राज्य के मैसूर में हुआ था। उन्होंने बेंगलुरु के बिशप कॉटन गर्ल्स से हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की। बाद में जब उनकी मां ने तमिलनाडु की फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्री के तौर पर करियर शुरू किया तो उन्होंने चेन्नई के प्रजेंटेशन कॉन्वेंट में दाखिला लिया।
  • जयललिता के पिता ने निधन होने के बाद उनका परिवार चेन्नई में रहने लगा।
  • जयललिता पढ़ाई में अच्छी रहीं और वह वकील बनना चाहती थीं लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी के चलते उन्हें 15 वर्ष की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री ज्वाइन करनी पड़ी।
  • उन्होंने तमिल, कन्नड़, मलयालम और बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में काम किया।
  • उनकी पहली फिल्म चिन्नाडा गोम्बे बहुत सफल रही थी। जयललिता ने उस समय के सुपरस्टार एमजी रामचंद्रन उर्फ एमजीआर के सथ 28 फिल्मों में काम किया जो उनके राजनीतिक मार्गदर्शक हुआ करते थे। एमजी रामचंद्रन ने ही एआईएडीएमके की स्थापना की थी।
  • 1982 में, 34 वर्ष की उम्र में जयललिता ने एआईएडीएमके पार्टी ज्वाइन कर ली। उन्हें प्रचार विभाग का सचिव नियुक्त किया गया और जल्द ही उन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत कर दिया गया।
  •  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एमजी रामचंद्रन की 1987 में निधन हो गया। अगले वर्ष एआईएडीएमके पार्टी टूट गई क्योंकि पार्टी के कुछ लोग रामचंद्रन की पत्नी का समर्थन कर रहे थे तो कुछ लोग जयललिता के समर्थन में थे। 1991 में जयललिता पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं।
  •  इसके बाद 2001 में वह तमिलनाडु की दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी। इसके बाद  2011 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।
  • 2014 में, भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें सजा हुई। इसके चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
  • बाद में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया था और उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली थी।