राज्य की राजनीति में सक्रिय हो रहे हैं शौर्य डोभाल

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उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों कई तरह के नये समीकरण जन्म ले रहे हैं। चाहे वो कांग्रेस में हरीश रावत का अपनी ही पार्टी पर उन्हे अलग थलग करने के आरोप हों या फिर बीजेपी में कैबिनेट मंत्रियों में कलह। इस सबके बीच घीरे घीर राज्य बीजेपी में कुछ नये और युवा चेहरों की सक्रियता ने राजनीतिकर पारा बढ़ा दिया है। दरअसल रुद्रप्रयाग में विश्व हिंदू परिषद के एक समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल की मौजूदगी ने राज्य की राजनीति में उनकी बढ़ती सक्रियता की तरफ इशारा किया है।

बुधवार को शौर्य ने पार्टी केडर और गढ़वाल के भाजपा नेताओं के साथ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर बैठकें की।सूत्रों ने बताया कि वह मंगलवार को देहरादून पहुंचे और रुद्रप्रयाग जिले में अगस्तमुनी गए जहां उन्होंने स्थानीय वीएचपी इकाई द्वारा आयोजित “भागवत कथा” समारोह में भाग लिया। जूनियर डोभाल पिछले कुछ समय से जिस तरह से राज्य की राजनीति में सक्रियता दिखा रहे हैं उससे ये कयास लग रहे हैं कि आने वाले लोकसभा चुनावों के लिये वो अपने आप को तैयार कर रहे हैं। शौर्या डोभाल का परिवार पौड़ी जिले के घिदी गांव से है और अब उत्तराखंड की राजनीति को पास से जानने वाले लोग इसे आने वालवे समय में डोभाल की पौड़ी सीट पर दावेदारी की तरह देख रहे हैं।ये सीट फिलहाल पूर्व सीएम मेजर जनरल बीसी खंडूरी के पास है।

लंदन स्कूल ऑफ बिज़नस के पूर्व छात्र शौर्य दिल्ली में विवेकानंद फाउंडेशन नाम की संस्था चलाते हैं। शौर्या ने पार्टी में शामिल होने के बाद दिसंबर में हल्द्वानी में हुई उत्तराखंड की भाजपा कार्य समिति की बैठक में भाग लिया था। इसके अलावा उन्होंने सीएम द्वारा आयोजित रैबार कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। डोभाल जूनियर डावोस गये प्रधानमंत्री मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।