उत्तराखंड के लिए समय गर्व का पल रहा जब देश के तमाम आई टी प्राॅजेक्टस में से केदारनाथ आई टी प्रोजेक्ट को ई गर्वनेंन्स के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह अब तक के इतिहास में पहली बार हुआ है कि पहाड़ों के राज्य उत्तराखंड को इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार ई-गर्वनेंन्स पर आयोजित 20 वें नेशनल कांफ्रेन्स विशाखापट्नम,आंध प्रदेश में मिला। पुरसकार प्रजेक्ट हेड डा.राघव लांगर आईएएस, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट व चेयरमेन, डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट आथोरिटी रुद्रप्रयाग को केदार घाटी में वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क शुरु करने के लिए मिला। इस प्राॅजेक्ट में:
- केदार घाटी में जिला हेडक्वार्टर से लेकर केदारनाथ मंदिर तक विडियो कांफ्रेन्स की सुविधा,
- इलेक्ट्रानिक सरविलेंस आईपी कैमरे के माध्यम से,
- वाई फाई, इंटरनेट सुविधा,
- हाटलाईन कम्यूनिकेशन और
- यात्रा के दौरान अलग अलग रास्तों पर हाटस्पाट की सुविधा मुहैया कराने के लिए रुद्रप्रयाग की इस टीम को पुरस्कार मिला।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एम.वैंकेया नायडू के साथ कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे। इस वर्ष इस कांफ्रेंन्स की थीम डिजीटल ट्रांर्स्फामेशन टूवर्ड ट्रांर्स्फामिंग इंडिया थी और इसके तर्ज पर या कार्यक्राम यूनियन मिनिस्ट्री आफ इलेक्ट्रानिक एंड इंफारमेशन टेक्नेलाजी और यूनियन डिर्पाटमेंट आफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिर्फाम एंड पब्लिक ग्रीवेंन्स ने मिलकर आयोजित किया था। इन सभी मंत्रालयों के सेक्रट्ररी के साथ भारतीय सरकार के मंत्रियों ने इस कार्यक्राम में भाग लिया।
इस कार्यक्रम मे ई-गर्वनेंन्स के बहुत से पहलूओं पर विचार किया गया और प्राइवेट सेक्टर में डिजीटल कनेक्टिवीटी के संबंध में,आईओटी और डाटा एनेलिटिक्स,भविष्य में साइबर सिक्योरिटी पालिसी और सबसे जरुरी मुद्दा विमुद्रीकरण मतलब की आने वाले समय में इलेक्ट्रानिक माध्यमों से ट्रांजेक्शन करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ई-गर्वनेंन्स माध्यमों पर भी बात की गई।मोदी जी के आसान गर्वनेंन्स,इंम्पावरिंग गर्वनेंन्स या एफिसियेन्ट गर्वनेंन्स को प्राथमिकताओं की सूची में सबसे ऊपर रखा गया है।
केदारनाथ के वायरलेस लोकल नेटवर्क प्रोजेक्ट को सिल्वर की श्रेणी में टेक्नोलिजी में इनोवेटिव तरीको के इस्तेमाल जो ई-गर्वनेंन्स में मददगार साबित हुई और यात्रा के दौरान मजबूत और साफ कम्यूननिकेशन और डिजास्टर मैनेजमेंट,मिटीगेशन और रेस्पांस(जी2जी) और आईसीटी के अलग अलग सेवाओं जो श्रद्धालुओं के लिए जरुरी थे इनकी वजह से इस श्रेणी में रखा गया है।
प्रोजेक्ट हेड राघव लेंगर ने बताया है कि अब तक के सभी पोस्ट डिजास्टर रिकंस्ट्रक्शन काम और कोशिशों के लिए राज्य सरकार नें बहुत मदद की और केदारनाथ यात्रा के दोबारा से पहले जैसा बनाने में भी राज्य सरकार ने पूरा साथ दिया है और यह आईटी की पहल एक ऐसी शुरुआत है जिससे लोगों में अपनी सुरक्षा को लेकर और श्रद्धालूओं सूरक्षा को लेकर काफी राहत दी है और इसके बाद शायद लोगों को केदारनाथ आने में कोई कठिनाई ना हो साथ ही इसके बाद श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के आसार है जिससे ना सिर्फ चारधाम यात्रा में लोग बढ़ेंगे साथ ही इस क्षेत्र की इकोनामी पर भी फर्क पड़ेगा।
इस कार्यक्रम में विजेता चुनने के लिए जटिल प्रक्रिया थी जिसमें तीन भागों में कांप्रिहेंसिव स्क्रिनींग,ऐक्सपर्ट द्वारा फिल्ड विजीट और दिल्ली कमेटी के सामने प्रेजेन्टेशन जिनमें 20 आईटी प्रोजेक्ट को चुना गया जिसमें से ही नेशनल अवार्ड 2016 के कुछ को चुना गया है।पुरस्कार राशि 2 लाख गोल्ड और एक लाख सिल्वर श्रेणी में थी।पुरस्कार मिलने वालों में 20 अलग अलग जैसे कि आधार पीडीएस सिस्टम,ई फिलिंग प्रोजेक्ट आफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आदि को चुना गया है।