मसूरी के मजदूर संघ (मजदूर संगठन) ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को चिट्ठी के माध्यम से उन्हें पहाड़ी शहर के कुलरी इलाके में अपने ऑफिस के पास एक “अनधिकृत” निर्माण को रोकने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चिट्ठी में अनिश्चितकाल विरोध पर जाने की धमकी दी और कहा कि असफल कार्रवाई पर उन्हें यह करना पड़ेगा। उन्होंने चिट्टी में यह बात साफ की है कि यह निर्माण ना केवल अवैध है बल्कि उनकी अनुमति के बिना किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह इमारत उनकी बिल्डिंग के बगल में हैं, इसलिए नई बनाई जा रही बिल्डिंग सामने से आने वाली स्वच्छ हवा और सूरज की रोशनी ब्लॉक कर रहा है।
यूनियन मार्च के लगभग 50 सदस्यों की एक भीड़ एमडीडीए के कार्यालय के बाहर एक लिखित शिकायत देने के लिए मिला, यूनियन के सदस्यों ने कहा कि एमडीडीए को इस पत्र को सौंपने का यह तीसरा प्रयास था।
वह बिल्डिंग जिसमें श्रमिक संघ का कार्यालय है, वह लगभग 100 साल पुरानी है और उसमें 500 से ज्यादा सदस्य हैं जिसमें शहर में रिक्शा चालक, कूलि और अन्य श्रमिक शामिल हैं।
मजदूर संघ के सचिव गंबीर सिंह पंवार ने कहा कि, “जिस जमीन पर भवन निर्माण किया जा रहा है वह कई सालों से विवादों में रहा है। दिलचस्प बात यह है कि जिस व्यक्ति ने यह केस हारा था उसने इस जमीन को वीरेंद्र जदवान जोकि नगर परिषद के एक कर्मचारी के रूप में काम करते हैं उन्हें बेच दिया है, जो इसपर नई बिल्डिंग बना रहा है। नई बिल्डिंग बनाने के लिए हमारे पास से कोई अनुमति नहीं ली गई है, एक तो यह हमारे बिल्डिंग में आने वाली सूरज की रोशनी और हवा को अवरुद्ध करेगा दूसरा हमसे बिना पूछे हम इमारत को नहीं बनने दे सकते। गंबीर सिह ने कहा कि, “हमने एमडीडीए को चेतावनी दी है कि अगर वह इमारत को सील करने में असफल रहे तो मजबूरन हमें हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। “
यूनियन के सदस्य देवी गोदियाल ने कहा कि, “कोई रास्ता नहीं है कि भवन योजना एमडीडीए द्वारा पारित होनी चाहिए, और अगर ऐसा है तो नगर परिषद क्या कर रही थी?”
वहीं दूसरी तरफ मसूरी में एमडीडीए अधिकारियों से संर्पक स्थापित करने के कई प्रयासों के बाद कोई भी कॉल लेने के लिए उपलब्ध नहीं था।