ऋषिकेश। निकायों का सीमा विस्तार रद्द होने से उत्तराखंड चुनावी तैयारियों मे जुटे तमाम सियासी रणबांकुरों को जबरदस्त झटका लगा है। विपक्षी दलों के साथ ही सत्तारूढ़ दल से जुड़े नेता भी इसके लिए दबी जुबान में सरकार की विफलता मान रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार के सीमा विस्तार की अधिसूचना व शासनादेश को निरस्त करने के आदेश के बाद अप्रैल में संभावित निकाय चुनाव के आगे खिसकने की प्रबल संभावना जतायी जा रही है। ऐसा हुआ तो चुनावी तैयारियों में लगे नेताओं को मायूस होना पड़ेगा।
चुनावी रणबांकुरों ने अपनी चुनावी तैयारियों को परवान चढ़ाते हुए होल्डिंग, बैनर एवं पोस्टरों से अपने अपने क्षेत्रों को पाट के रख दिया था। बताया जा रहा है कि ऋषिकेश में मेयर बनने का सपना संजोए नेताओं के साथ-साथ पार्षद की तैयारियों मे जुटे लोगों द्वारा अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा था, जिस पर फिलहाल अब ब्रेक लगनी तय मानी जा रही है। बताते चलें कि होली से पूर्व अधिकांश संभावित प्रत्याशियों ने चुनाव नजदीक आते देख अपने-अपने क्षेत्र में कचमोली की दावतें देने के साथ मजबूत टीमें बनाने की चाह में सर्मथकों को शराब परोसनी शुरू कर दी थी। हाईकोर्ट के फेसले से फ्री की दावतें उड़ाने वाले भी मायूस बताए जा रहे हैं।