उत्तराखण्ड के बागेश्वर में एक घर में तेंदुआ घुंसने से दिनभर दहशत बनी रही जबकि शाम को ट्रेंक्युलाईजर टीम आने के दस घण्टे बाद ही तेंदुए को बेहोश कर पिंजरे में कैद किया जा सका । अल्मोडा से आयी वन विभाग की टीम ने टेक्यूलाईज कर तेंदुए को मकान के कमरे से बाहर निकाला। सवेरे लगभग दस बजे तेंदुए के घर में घुसने के बाद से ही वन महकमा केवल एक ट्रेंक्यूलाइजर बंदूक की कमी के कारण दस घंटे बाद ही तेंदुए को बेहोश कर क्षेत्र को इस खतरे से निजात दिल सका।
बागेश्वर में ब्लॉक प्रमुख रेखा खेतवाल के घर के पीछे की गल्ली में सवेरे तेंदुआ घुस गया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम अपने दल बल के साथ मौके पर पहुँच गई । वन विभाग ने कड़ी मशक्कत कर तेंदुए की घेराबंदी कर दी । तेदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा तत्काल पिंजरा लगाया गया जिसमें एक काले कुत्ते को शिकार बनाकर रखा गया । वन विभाग की इस चाल में तेदुआ नहीं फंसा। तेदुए को कमरे से बाहर निकालने के लिए मशाल का भी प्रयोग किया गया। लेकिन तेंदुएं को वन विभाग पिंजरे में बन्द नही कर सका । तेदुएं को पकडते समय तेदुएं ने वन विभाग का टार्च भी तोड़ दिया। कई घण्टे बीत जाने के बाद जब तेदुएं को वन विभाग के लोग बाहर नहीं निकाल सके तो अल्मोड़ा से वन विभाग की ट्रेंक्यूलाइजर टीम को बुलाया गया। करीब 10 घण्टे बाद अल्मोडा से वन विभाग की टीम टेक्यूलाईजर गन के साथ मौके पर पहुची जहां टेक्यूलाईजर गन से तेदुएं को बेहोस किया जा सका । तेंदुए को लोगों की भीड़ के बीच पिंजरे में डाला गया। प्रत्यक्षदर्शी आर्दश ने बताया कि सुबह के समय उसने छत से तेदुएं को आते हुए देखा। उसने चिल्लाकर सबको आगाह करना चाहा तो तेंदुए ने उसपर ही गुर्रा दिया। तेदुंए ने थोडी देर तक उसको देखा और ब्लाक प्रमुख के घर के पीछे की गैलरी में छुप गया। शोर मचाने के बाद लोग इक्टठा हुए और इसकी सूचना वन विभाग की दी। वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर दस घंटे बाद तेदुएं को पिंजरे में बंद किया और अल्मोड़ा ज़ू को भेज दिया।