खास है यह पटरी पर दौड़ने वाली लाइफ लाईन ट्रेन

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भारत देश या कहें तो दुनिया का पहला ट्रेन अस्पताल जो यात्रा के दौरान मरीज का इलाज करेगा।एस ट्रेन में कैंसर के साथ साथ परिवार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का इलाज भी होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने के लिए शुरु की गई है।भारत के उन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं या ऐसे क्षेत्र जहां प्राकृतिक आपदा का प्रकोप रहा है वहां पर यह ट्रेन जाएगी और सुविधा प्रदान करेगी। यह ट्रेन कुछ दिनों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के पास रुकेंगी और इलाज के साथ साथ मेजर सर्जरी भी करेगी जिससे क्षेत्रीय लोगों की परेशानी कम हो सकेगी।

सारी सुविधाओं से युक्त तीन आपरेशन थियेटर लोगों की सेवा के लिए बिना किसी पैसों के उपलब्ध रहेगी।आखों का आपरेशन हो या,कान का आपरेशन,जलना,कटना,दात का इलाज,मिर्गी का इलाज या किसी भी तरह के मेजर समस्याओं का इलाज इस ट्रेन में उपलब्ध है।

आकड़ों के अनुसार ट्रेन के एक बार रुकने में लगभग 10,000 लोगों को फायदा मिलेगा।अभी तक लगभग 10 लाख मरीजों को 177 अलग अलग लोकेशन से ट्रेन के इलाज से फायदा मिल चुका है।करीब 1 लाख आखों का आपरेशन,कान का आपरेशन और चेहरे पर लगी चोट का इलाज ट्रेन में मौजूद डाक्टरों ने कर दिया है।

मजे की बात तो यह है कि यह लाइफ लाइन अस्पताल को लोग मैजिक ट्रेन के नाम से भी जानते है,और बहुत से देशों में इसकी तरह अस्पताल ट्रेन और पानी में चलने वाली नाव अस्पताल का आविष्कार भी हुआ है।

इस ट्रेन को 1991 में शुरु किया था और तब से देश के कोने-कोने में पहुंचकर लोगों का इलाज जारी है। इस ट्रेन में ऑपरेशन से लेकर हर प्रकार के इलाज की सुविधाएं हैं। इसलिए इसे हॉस्पीटल ऑन व्हील कहा जाता है।

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यह है इस ट्रेन में

  • दो सर्जीकल ऑपरेशन थियेटर, जिसमें पोलियो से लेकर कटे होठों और मोतियाबिंद जैसे ऑपरेशन किए जाते हैं।
  • ऑपरेशन थियेटर में पांच टेबल हैं, जो आधुनिक मेडिकल उपकरणों से जुड़ी हैं।
  • ट्रेन में दो रिकवरी रूम हैं, जिसमें ऑपरेशन के बाद मरीजों को रखा जाता है।
  • ऑपरेशन थियेटर में इलाज के लिए अल्ट्रा मार्डन माइक्रोस्कोप से लेकर लेबोरेटरी, एक्सरे यूनिट भी है।
  • ट्रेन में डेंटल रूम, ऑप्थेलोलॉजी ट्रीटमेंट से लेकर मेडिकल स्टाफ के लिए रूम बने हुए हैं।
  • लाइफ लाइन एक्सप्रेस का खुद का पावर हाउस है, जो पूरी ट्रेन को बिजली सप्लाई करता है।
  • सीसीटीवी कैमरे पूरी ट्रेन में हैं, जिससे पूरी मॉनीटरिंग कंट्रोलरूम में बैठकर की जा सकती है।

केवल भारत में नहीं, बल्कि चीन, यूरोप के अलावा पड़ोसी बांग्लादेश जैसे देशों ने इस चलते-फिरते अस्पताल को पसंद किया है।