शहर में दिन-रात तो पहाड़ पर केवल 6 घंटे खुलेगा ठेका

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प्रदेश में जहां एक ओर महिलाएं  शराब की दुकानों का जबरदस्त विरोध कर रही हैं वहीं दूसरी ओर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शराब माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए एक और फैसला लिया है। सीएम ने कहा कि शराब की दुकानों को छह घंटे तक खोलने का आदेश मैदानी जनपदों पर लागू नहीं होगा। मतलब अब शहरों में 12 घंटे तो पहाड़ों में केवल 6 घंटे खुलेंगे ठेके।

यह फैसला रोकेगा शराब की तस्करी ः

गौरतलब है कि प्रदेश में शराब की दुकानों का महिलाएं पुरजोर विरोध कर रही है। एक तरफ महिलाओं का तेवर देखकर शासन-प्रशासन में खलबली मची हुई है। वहीं सीएम ने शराब माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए यह फैसला लिया है।उत्तराखंड सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि शराबबंदी से पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी न बढ़ने पाए। छह घंटे तक शराब की दुकानें खोलने का आदेश सिर्फ पर्वतीय जनपदों के ठेकों पर लागू होगा। यहां ठेके दिन के वक्त छह घंटे के खुलेंगे।

आपको बता दैं कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में आंशिक शराबबंदी लागू करने के लिए कुछ दिन पहले शराब की दुकानों को छह घंटे तक खोले जाने की घोषणा की थी। सीएम ने कहा था कि उत्तराखंड में शराब की दुकाने दोपहर बाद 3 बजे से रात 9 बजे तक खुलेंगी। विभागीय मंत्री और अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद इस योजना में बदलाव कर दिया गया है।सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि यह आदेश अब सिर्फ प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में स्थित शराब के ठेकों पर लागू होगा। पर्वतीय जनपदों में ठेके दिन के वक्त छह घंटे के लिए खुलेंगे। शाम होते ही ठेकों को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनभावनाओं और सड़क दुर्घटना को कम करने के लिहाज से यह फैसला लिया गया है। उत्तराखंड सरकार की मंशा धीरे-धीरे शराबबंदी लागू करने की है। गौरतलब है कि उत्तराखंड में जगह-जगह महिलाएं लामबंद होकर शराब की दुकानों का विरोध कर रही हैं। महिलाओं में शराब की दुकानों को लेकर आक्रोश इस कदर बढ़ चुका है कि महिलाओं ने बीते दिनों शराब की दुकान को आग के हवाले कर दिया वहीं। शराब की दुकानों पर जमकर पथराव हुआ। प्रदेश के कई हिस्सों में महिलाएं शराब की दुकान की रात को भी निगहबानी कर रही है। महिलाओं ने  प्रशासन से दो टूक कहा कि वह अपने क्षेत्रों में शराब का संचालन नहीं होने देंगी।