बारिश के मौसम में जल संस्थान के सामने पानी की किल्लत तो समाप्त हो गई, लेकिन नलों में गंदा पानी आने की शिकायतों ने विभाग की नाक में दम किया है। जर्जर लाइनों के कारण गंदे पानी की समस्या विभाग की परीक्षा ले रही है। जल संस्थान की दून की चारों शाखाओं में हर दिन एक दर्जन से ज्यादा शिकायतें गंदे पानी की आपूर्ति को लेकर आ रही हैं।
देहरादून में बीते कई माह से चल रही पानी की किल्लत लोगों को राहत मिली है, लेकिन अब पानी गंदा आने के कारण लोगों और विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दून में गंदे पानी की प्रमुख वजह जर्जर हो चुकी लाइनें हैं। शहर की अधिकांश लाइनें 40 साल पुरानी है। चूंकि, सीवर व पानी की लाइनें साथ-साथ हैं, तो बारिश के मौसम में सीवर लाइन ओवरफ्लो हो जाती है, जिससे गंदा पानी पेयजल लाइनों में घुसकर लोगों के घरों तक पहुंचता है। बरसात शुरू होने के बाद हर दिन 12 से 15 इलाकों के लोग इस तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं।
इतना ही नहीं, बरसात में गंदा पानी पीने का मतलब बीमारियों को न्यौता देना है। परेशान लोग जल संस्थान के अधिकारियों को शिकायत कर रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। जब तक जल संस्थान एक जगह से लीक लाइन को ठीक करता है तब तक लाइन दूसरी जगह से लीक हो जाती है।
शहर के रीठामंडी, सैय्यद मोहल्ला, खुड़बुड़ा, रामनगर लाडपुर, मोहितनगर, कौलागढ़, कैनाल रोड, छबीलबाग, इंद्रेशनगर, इंदिरा कॉलोनी, हाथीबड़कला, विजय कॉलोनी, बकरालवाला, कालीदास रोड, कांवली रोड, आजाद कॉलोनी, संजय कॉलोनी, बद्रीश कॉलोनी, शिवाजी मार्ग आदि क्षेत्रों में इस तरह की समस्या अधिक है।
जल संस्थान की महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग का कहना है कि सिस्टम पुराना होने के कारण कई बार गंदे पानी की शिकायतें आ जाती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए जल संस्थान ने बरसात के मद्देनजर पूरी मॉनीटरिंग की व्यवस्था की है। जहां से शिकायत आती है वहां तुरंत टीम को भेजकर कार्रवाई की जाती है।