रविवार की शाम, पेपर बैग बनाने के नाम!

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अपनी छठी वर्षगांठ के समारोह का समापन करके, देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग ऐ डिफ्फेरेंस बाय बीइंग दी डिफ्फेरेंस (मैड) संस्था ने वापस अपनी साप्ताहिक पर्यावरण संरक्षण अभियान पर अमल करने की शुरुआत कर दी है। इसी के अंतर्गत, रविवार को संगठन के सदस्य गांधी पार्क में एकत्र हुए। सभी सदस्यों को कहा गया था की वह पुराने अखबार, इत्यादि अपने साथ लाएं ताकि मैड की पूरी टुकड़ी बैठ कर उनके पेपर बैग सामूहिक रूप में बना सके। अभियान का संचालन कर रहे करन ओबेरॉय ने बताया कि ऐसा सभी दून वासी अपने परिवारों के साथ सप्ताह की छुट्टी के दिन अर्थात रविवार को बैठ कर कर सकते हैं। इस से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का पुरज़ोर संदेश हम सब के घरों से जायगा बल्कि परिवार में भी साथ बैठ कर अच्छा काम करने की चेष्ठा उत्पन्न होगी।

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मैड के कुछ सदस्यों को तो पेपर बैग बनाना अच्छे से आता है जो पहले से मैड में आते आ रहे हैं। मैदाथन 2017 की धूम के बाद कुछ सदस्य नए भी थे जिन्हें पुराने सदस्यों ने पेपर बैग्स बनते कैसे हैं यह सिखाया। पेपर बैग बनाने के अलावा, मैड के सदस्यों ने अपने द्वारा चलाये गए गन्दी दीवारों के कायाकल्प अभियान की समीक्षा करी और देखा की कहाँ उनके द्वारा बनायी गयी चित्रकलाओं पर फिर गन्दगी हो गयी है। उसको साफ़ कैसे कर सकते हैं इस पर भी मंथन किया गया। इस अभियान में मैड के सदस्य शार्दुल असवाल, शिप्रा, शिवम्,अर्शित, अस्मिता, समृद्धि ने अहम् भूमिका निभाई।