किसान ने खूद को मारी गोली

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मूल रूप से ग्राम छतरपुर, जिला मुरादाबाद निवासी तेजपाल सिंह (54) पुत्र राजाराम यहां ग्राम फसियापुरा में अलीगंज रोड पर करीब 15 साल से परिवार के साथ रहते थे। तेजपाल गुरुवार को स्टोर रूम में करीब 11.30 बजे लाइसेंसी दो नाली बंदूक से अपने गले में गोली मार दी। किसान की मौके पर ही मौत हो गई। गोली चलने की आवाज सुनकर पत्नी रूपरानी और बेटी मौके पर पहुंची तो तेजपाल छटपटा रहे थे और कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। सूचना पर तेजपाल के भाई व रिश्तेदार मौके पर पहुंच गए। इस बीच सीओ राजेश भट्ट मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली।

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पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। तेजपाल तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। पुलिस के मुताबिक परिजन बताते थे कि तेजपाल शराब ज्यादा पीते थे। गुस्से में कुछ माह पहले भी बंदूक से गोली चलाई थी, जो छत में निशान है। तेजपाल के ममेरे भाई फाल सिंह ने बताया कि पारिवारिक कलह नहीं थी, मानसिक अवसाद की स्थिति में थे, इसलिए उनका इलाज चल रहा था। उन्हें गुस्सा ज्यादा आता था। जिस तरह से तेजपाल ने आत्महत्या की है। इससे लगता है कि वह इससे पहले कई बार पैर के अंगूठे से ट्रिगर चलाने का अभ्यास किया होगा। तेजपाल ने दो नाली बंदूक में 12 बोर की गोली भरी है। नाल के मुंह को गले से सटाकर पैर के अंगूठे से ट्रिगर दबा दिया। पापा को बंदूक ने ही खा लिया। यदि बंदूक नहीं होती तो यह आज देखने को नहीं मिलता। पापा ऐसा क्यों कदम उठाया, मुझे छोड़कर चले गए यह कहते हुए तेजपाल की बेटी शिवी रोती रही। यह घटना देख हर किसी की आंखों में गम के आंसू दिखे।

तेजपाल गोली मारकर आत्महत्या करने से पहले घर से बाहर गए थे। जब उन्होंने एक दुकान से रजनीगंधा व तुलसी खरीदकर घर पहुंचे तो पास में एक युवक ने टोका कि चाचा आप तो कई बार रजनीगंधा व तुलसी छोड़ने को कह चुके हैं। इस पर तेजपाल ने कहा कि बेटा आज तो खा लेने दो, फिर कभी नहीं खाएंगे। इसके करीब 20 मिनट बाद तेजपाल ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस तेजपाल की आत्महत्या की वजह का सही पता नहीं चल पाया है। बंदूक राजाराम के नाम थी। तेजपाल ने बंदूक का लाइसेंस अपने नाम विरासत में करा लिया था। मामले की जांच की जा रही है।