ऋषिकेश। तीर्थ नगरी मे जाड़े के मौसम के आगाज के बाद से बाजार भी पूरी तरह से ठंडा हो रखा है। धार्मिक एवं पर्यटन नगरी मे जबरदस्त मंदी की मार चल रही है। शादियों के सीजन के बावजूद बाजारों मे सन्नाटा पसरा हुआ है। बाजार में लोगों की आवाजाही पहले की तरह ही है लेकिन वे दुकानों का रुख नहीं कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि किसी एक ट्रेड के व्यापारी ही ग्राहकों का इंतजार कर रहे हों सभी का यही हाल है।
गली-मुहल्लों की दुकानों पर तो फिर भी हलचल नजर आती है लेकिन मुख्य बाजारों का हाल खराब है। रेडीमेड गारमेंट, कपड़े की दुकान व शोरूम, जूतों के प्रतिष्ठान से लेकर दैनिक उपभोग की दुकानों मे छाया सन्नाटा सारी कहानी बयां कर रहा है। जीएसटी की मार पांच माह के बाद अब तक जारी है। नए ग्राहकों का आना जहां बंद हुआ है वहीं पुराने ग्राहक भी जरूरत भर के उत्पाद ही खरीद रहे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि 30 जून तक बाजार में इस कदर हलचल थी कि प्रतिष्ठानों पर सिर उठाने की फुरसत नहीं मिल रही थी। अब दिन में चंद ग्राहक की आते हैं। इसमें भी कुछ ही खरीदारी करते हैं। कास्मेटिक की दुकान चलाने वाले गुलशन कक्कड़ का कहना है कि ठंड के आगाज के बाद ग्राहक खरीदारी को कम निकल रहे हैं।
इस सीजन में बिक्री कम जरूर रहती है लेकिन इस बार इतनी कम सेल होगी इसका अंदाजा किसी को नहीं था। थोक विक्रेता राजेश भुटयानी के अनुसा दैनिक उपभोग की वस्तुओं की बिक्री कभी कम नहीं रहती लेकिन इस बार मामला उलट है। सर्दी अभी ठीक से शुरू भी नही हुई और बाजार ठंडा पड़ गया है।