तीर्थ नगरी में नकाब फैशन पुलिस के लिए बना सरदर्द

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ऋषिकेश। शहर में न तो सन बर्न की समस्या और न ही दम घोट देने वाला प्रदूषण लेकिन फिर भी युवा वर्ग मूँह पर इस तरह नकाब डालकर घूम रहे हैं जैसे कि रेगिस्तान की तपती जमीन पर सफर कर रहे हो। फैशन की चकाचौंध के बीच अजीबोगरीब शौक भी अक्सर युवा पीढी में देखने को मिल रहे हैं। लेकिन युवाओं का शौक ही अपराधियों के हौसले बुलंद करने लगे तो इसे क्या कहिएगा।
जी हां धर्मनगरी के युवाओं में इन दिनो खासतौर पर ड्राइविंग के दौरान चेहरे को पूरी तरह से नकाबनुमा अंदाज में ढक कर दुपहिया दौड़ाने का फैशन सिर चढ़कर बोलता हुआ देखा जा रहा है।
सरेआम पुलिस की आखों के सामने घूम रहे नकाबपोश युवक-युवतियों के इस शौक पर बदमाशों की बारीक नजर न हो यह मुमकिन नही। इसका फायदा कभी भी आपराधिक तत्व चैन स्नैचिंग एवं किसी भी तरह की संगीन वारदात को अजांम देकर उठा सकते हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन इस पर नकैल कसने का साहस नही जुटा पा रहा। हैरत की बात यह भी है कि यहां के बहादुर पुलिस प्रशासन ने कभी भी इस और किसी भी तरह की कारवाई की जहमत नहीं उठाई।युवाओं के इस नकाब नुमा शौक की पड़ताल करने पर जो जानकारी मिली वो भी कम चौकाने वाली नही है।
खासकर युवतियां मटरगश्ती के दौरान अपने पैरेटंस की आखों मे धूल झोकने के लिए नकाब का सहारा ले रही हैं। स्कूल,कालेज और विभिन्न इंस्टिट्यूटों की छात्राएं नकाब लगाये यहां घूमती हुई देखी जा सकती हैं।
नगर कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी का इस संबंध में कहना है कि नकाब लगाकर चलना यातायात नियमों का उल्लंघन है। जिनके खिलाफ पिछले दिनों कार्यवाही भी की गई लेकिन वीआईपी ड्यूटी होने के कारण यह अभियान अभी रोका गया है शीघ्र ही इसे पुनः लागू किया जाएगा। इस प्रकार के नकाब लगाकर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।