कहते हैं विद्या का दान सबसे बड़ा दान होता है जो ज्यादा से ज्यादा खर्च करने पर बढ़ता चला जाता है, यह मूल धारणा जहां भारतीयों में कम होती जा रही है वही विदेशी विद्याज्ञान को आपस में बांटने और शिक्षा को उसके असली हकदार तक पहुंचाने को सबसे अच्छी सेवा मांगते हैं।
ऐसा ही कुछ मांगना है सात समंदर पार से आई मैक्सिको की पाउला एलेग्जेंडरा का जो आई थी उत्तराखंड घूमने और अपने बचे हुए टूरिस्ट वीजा के दिनों को उसने गरीब गरीब बच्चों के निशुल्क स्कूल उड़ान में शिक्षा के दान में लगा दिया। वह गरीब बस्तियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ा कर और उनके साथ रहकर एक नई अनुभूति अनुभव कर रही है, साथ ही इन बच्चों के साथ अपने देश की शिक्षा प्रणाली को साझा करके एक नई सोच का परिचय दे रही है।
स्कूल के संचालक डॉक्टर राजे नेगी पावला के इस प्रयास को ऋषिकेश के इन बच्चों के लिए एक अच्छी शुरुआत मान रहे हैं। उनका कहना है कि, ‘पावला 15 अगस्त के सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों के साथ ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ गाकर आनंदित हो रही है, जिसकी प्रेक्टिस बच्चों के साथ नाच-गाकर कर रही है। वही पावला का कहना है कि, ‘एजुकेशन हर बच्चे का अधिकार है और सरकार को चाहिए वह छोटे बच्चों को नए तरीकों के साथ टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इन स्कूलों को जोड़ें जिससे एक नए कल्चर की शुरुआत हो सके।’