खनन पट्टों को निरस्त करने का आदेश खारिज

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कांग्रेस सरकार में चार जिलों में जारी खनन पट्टों को निरस्त करने के भाजपा सरकार के शासनादेश को हाई कोर्ट, नैनीताल ने रद कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने इस शासनादेश को पूरे राज्य में प्रभावी बनाने संबंधी शासनादेश के क्रियान्वयन पर रोक भी लगा दी है। कोर्ट के इस निर्णय से सरकार को करारा झटका लगा है।

सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में खनन व भंडारण के लाइसेंस को निरस्त करने के साथ ही चुनाव आचार संहिता से 15 दिन पहले जारी 44 खनन पट्टों को निरस्त कर दिया था। एमएस इंटरप्राइजेज की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि सरकार द्वारा पहली मई को खनन, भंडारण के लाइसेंस निरस्त कर दिए, जबकि नौ मई को शासन द्वारा समस्त पट्टों को स्थगित कर दिया।

याचिकाकर्ता का कहना था कि सरकार का फैसला असंवैधानिक और राजनीति से प्रेरित है। बिना सुनवाई का मौका दिए पट्टे निरस्त किए गए। याचिकाकर्ताओं की ओर से पूर्व महाधिवक्ता वीबीएस नेगी ने जबकि सरकार की ओर महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर द्वारा पैरवी की गई। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद पहली मई को जारी शासनादेश निरस्त कर दिया।