उत्तराखंड के मंत्री अधिकारी पहुंचेंगे आप के घर

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अब जिला और तहसील स्तर पर जनता को सुशासन का अहसास कराया जाएगा। जिलों में हर महीने के पहले मंगलवार को तहसील दिवस आयोजित किए जाएंगे। जिलाधिकारी हर सोमवार को दो घंटे अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से जन समस्याओं की सुनवाई करेंगे। राज्य मंत्रिमंडल ने इन फैसलों के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को तोहफा दिया। उन्हें पोती और नातिन की शादी के लिए दी जाने वाली धनराशि चार हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई है।

मंत्रिमंडल की बैठक में सुशासन को केंद्र में रखकर कई फैसलों पर मुहर लगाई गई।मुख्यमंत्री के पास राज्य स्तर के बजाए जिलों और तहसील स्तर की समस्याएं भी पहुंच रही हैं। इसे देखते हुए तहसील स्तर पर जनता की समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था करने का निर्णय हुआ। अब जिलों के प्रभारी मंत्रियों को प्रत्येक डेढ़ महीने में एक बार अनिवार्य रूप से संबंधित जिलों में डेरा डालना होगा। इससे जिला स्तरों पर नई योजनाओं का खाका खींचने, उनके क्रियान्वयन और उसे लेकर जनता के फीडबैक पर खुद प्रभारी मंत्री बारीकी से नजर रख सकेंगे।

सात जिलाधिकारियों को अब हर सोमवार को सुबह दस बजे से दोपहर 12 बजे तक अपने कार्यालयों में जन समस्याओं का निराकरण करना होगा। इस व्यवस्था को भी अनिवार्य किया गया है।

उच्च व चिकित्सा शिक्षा की तर्ज पर आयुष शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की गई है। महिलाओं को पाबंदी के साथ रियायत बढ़ाई गई है। महिलाओं को 20 लाख के बजाए अब 25 लाख तक अचल संपत्ति की खरीद पर स्टांप शुल्क में 25 फीसद की छूट मिलेगी, लेकिन ये छूट जीवनकाल में सिर्फ दो बार ही अनुमन्य होगी।

कैबिनेट के प्रमुख फैसले:

-स्वतंत्रता सेनानियों को तोहफा, पोती-नातिन की शादी को 50 हजार रुपये

-सुशासन का अहसास निचले स्तर पर कराने को हर माह पहले मंगलवार को तहसील दिवस

-प्रभारी मंत्री हर डेढ़ माह में जिलों में अनिवार्य रूप से डालेंगे डेरा

-डीएम प्रत्येक सोमवार सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक करेंगे जन समस्याओं का निराकरण

-आयुर्वेदिक शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष

-महिलाओं को 25 लाख तक अचल संपत्ति खरीद पर स्टांप ड्यूटी में छूट, जीवनकाल में सिर्फ दो बार ही रियायत