दीपावली के पावन पर्व पर दीयों की जगमगाती रोशनी के बीच आतिशबाजी का अपना अलग ही मजा होता है। फुलझड़ी और अनार की जगमग रोशनी और पटाखों की आवाज के बीच दिवाली (दीपावली) का उल्लास दोगुना हो जाता है लेकिन कोर्ट के आदेश और प्रदूषण के बढ़ने का खतरा इस रंग में भंग की तरह है। इसके बाद भी आप इसका लुत्फ उठा सकते हैं। खास बात यह कि इसके लिए पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। मोबाइल पर आॅनलाइन एक टच के बाद आप आतिशबाजियों का मजा ले सकते हैं।
मोबाइल पर मनाएं अपनी दीपावली को खास
आजकल लगभग हर काम मोबाइल पर ही होता है। एप्लीकेशंस की दुनिया ने हमारी दुनिया बदल दी है। आपकी दीपावली को ओर सेफ, मजेदार, शानदार, लजीज और यादगार बनाने के लिए कई मोबाइल ऐप हैं। रंगोली बनाने से लेकर लक्ष्मी पूजन तक, हर काम के लिए मोबाइल ऐप हैं। ऐसी ही कुछ ऐप्स के बारे में हम बता रहे हैं जिन्हें गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है।
दिवाली क्रैकर
आप पटाखे भी चलाएंगे और प्रदूषण भी नहीं होगा। इस ऐप में आप वर्चुअल पटाखे चला सकते हैं। आवाज सुनकर अहसास ही नहीं होगा कि पटाखा मोबाइल पर चला है। ऐप में आप कई तरह के पटाखे चला सकते हैं। रॉकेट से लेकर चकरी तक यहां सबकुछ है। बच्चों को ऐप बहुत पसंद आएगी। वे असल पटाखे भी चला सकेंगे और उन्हें कोई नुकसान भी नहीं होगा। फोन को दिवाली टच देने के लिए इसमें मैजिक टच वॉलपेपर भी हैं। इसकी साथ ही खुशियों को बांटने वाले दीपावली के त्यौहार पर अब आपको फॉरवर्ड किए मेसेज से बधाई देने की जरूरत नहीं है। प्ले स्टोर पर दर्जनों ऐसी एप्लीकेशन मौजूद हैं, जिनके जरिए आप अपने दोस्तों रिश्तेदारों को हिंदी और अंग्रेजी के अलावा कई दूसरी भाषाओं में भी बधाई दे सकते हैं। खास बात यह कि एप्लीकेशन में आप संदेश भेजने का समय भी निर्धारित कर सकते हैं। मतलब मेसेज अभी सेट कर लें और आपके दिए समय पर खुद ही चला जाएगा।
पल्टन बाजार स्थित व्यापारी अनिल गोयल ने बताया कि, “दिवाली कभी भी पूजा के बिना पूरी नहीं हो सकती लेकिन पूजा की विधि के लिए धार्मिक किताबें खंगालने की जरूरत नहीं है, मोबाइल में इसके लिए भी ऐप उपलब्ध हैं। एप में पूजा के पूरे सामान की लिस्ट भी है, इसमें भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की शानदार तस्वीरें भी हैं, पूजा करने के बाद मोबाइल ऐप में ही आप भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती भी सुन सकते हैं।”
इको फ्रैंडली इलेक्ट्रोनिक पटाखे भी हैं मौजूद
दीपावली आते ही मन में साज सजावट और धमाकेदार पटाखों की ही तस्वीर बनती है। दीपावली रंग बिरंगी लाइट्स के साथ जश्न का त्यौहार है। इस बीच खुशियों के इस महौल में शोर-शराबे से भरे बम पटाखे भी जमकर कानों में गूंजते हैं लेकिन अब इसका भी उपाय मार्केट में आ गया है।
तकनीकि के इस दौर में इलेक्ट्रॉनिक पटाखों ने मार्केट में कदम रखा है, जो न सिर्फ धुंए और बेहिसाब शोर शराबे से निजात देते हैं बल्कि इको फ्रैंडली भी है। बिजली से चलने वाले यह पटाखे लाइट एमिटिंग डायोड (एलईडी) की मदद से चिंगारी और साउंड सर्किट के जरिए हूबहू पटाखों जैसी ही आवाज देते हैं। इलेक्ट्रॉनिक क्रैकर्स का इस्ताल न सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर है बल्कि इसके इस्तमाल से जलने का भी खतरा नहीं है। हालांकि इनकी कीमत अभी आम पटाखों से थोड़ी ज्यादा है लेकिन अभी भी लोग इन्हें काफी पसंद कर रहे हैं।