प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देहरादून में उत्तराखंड के चार धाम के विकास के लिये भारत सरकरा की महत्वाकांशी “चारधाम हाई वे डेवेलपमेंट प्रोग्राम” का शिलान्यास किया। इस प्राॅजेक्ट के ज़रिये राज्य के चार धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को करीब 900 किमी लंबे बेहतर सड़कों के नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत:
- करीब 12000 करोड़ की लागत से मौजूदा सड़कों के नेटवर्क को सुधारा जायेगा
- तकरीबन 900 किमी सड़कों के नेटवर्क को सुदृड़ किया जायेगा
- 13 बाईपासों का री अलईनमेंट होगा
- 2 सुरंग, 25 बड़े पुल और 3 फ्लाइओवरों का निर्माण होगा।
- 154 स्टैंड और ट्रक ले बाई भी बनाये जायेंगे साथ ही मुसाफिरों की सुविधा के लिये 18 ज़ोन पब्लिक सुविधा के बनाये जायेंगे
इस परियोजना के तहत मौजूदा नेशनल हाइवे को कम से कम 10 मीटर चौड़ा किया जायेगा। राज्य की भूस्खलन को लेकर संवेजनशीलता को भी इस परियोजना में ध्यान में रखा गया है। इसके लिये स्लोप स्टेबलाईजेशन के ज़रिये भूस्खलन से बचा जायेगा। इस परियोजना के तहत:
- धरासू-यमुनोत्री (एनएच 94): 95 किमी
- धरासू-गंगोत्री (एनएच 108): 124 किमी
- ऋषिकेश-धरासू (एनएच 94): 144 किमी
- ऋषिकेश-रुद्रप्रयाग (एनएच 58): 140 किमी
- रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड (एनएछ 109): 76 किमी
- रुद्रप्रयाग-माणा गांव (एनएच 58): 160 किमी
- पिथौरागड़-टनकपुर (एनएच 125): 150 किमी का निर्माण या एक्सपैंनशन होगा
इन घोषणाओं के साथ ही सड़क परिवहन विंभाग के अंतर्गत आने वाले कुल 26 हज़ार करोड़ के कामों को भी मंज़ूरी दे दी है। इनमें चारधाम परियोजना के साथ राज्य के 15 स्टेट हाईवे को नेशनल हाइवे में बदलना शामिल है।
चुनावी माहौल में केंद्र सरकार की इस महत्वाकांशी परियोजना की घोषणा से प्रदेश बीजेपी को चुनावों में अच्छा फायदा मिलने की उम्मीद है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने चुनावों के समय इस तरह की परियोजना को लाकर विकास के कार्यों का राजनीतिक करण किया है।
इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय स्वासथ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी, रमेश पोखरियाल, भुवन चंद्र खंडूरी, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट और सांसद राज्य लक्ष्मी शाह मौजूद रहे।