विकासनगर। केंद्र सरकार के खुले में शौच मुक्त भारत अभियान को पलीता लगाते हुए कालसी वन प्रभाग के तिमली रेंज के कर्मियों ने धौला तप्पड़ वन गुर्जर बस्ती के बाशिंदों के एक दर्जन शौचालय गत 17 जुलाई को तोड़ डाले। जिससे बस्ती की पांच सौ के करीब आबादी चार माह से खुले में शौच जाने को मजबूर है। वन विभाग ने जिन शौचालयों को अवैध करार देते हुए तोड़ा है उनका निर्माण सरकारी इमदाद से ही हुआ था। जबकि कुछ मोबाइल शौचालय भी वन कर्मियों द्वारा तोड़ दिए गए। स्थानीय प्रशासन से कई बार शौचालय निर्माण गुहार लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर बस्ती के बाशिंदों ने अब प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर वन विभाग द्वारा तोड़े गए शौचालयों के पुनर्निर्माण की मांग की है।
प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में बताया गया कि कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज के कुल्हाल पंचायत की धौला तप्पड़ बस्ती में 80 परिवार की करीब पांच सौ की आबादी चालीस साल अधिक समय से स्थाई तौर पर निवास कर रही है। वन अधिनियम के तहत वन गुर्जरों के परिवारों को पक्के आवासीय मकान की सुविधा नहीं मिल रही है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा खुले में शौच मुक्त भारत अभियान के तहत गुर्जर बस्ती में शौचालय निर्माण की अनुमति दी गई थी। इसके लिए बाकायदा स्वजल परियोजना के माध्यम से गुर्जर परिवारों को सरकारी इमदाद मुहैया कराई गई।
सरकारी इमदाद मिलने पर शौचालय बनाए गए व कुछ मोबाइल शौचालय भी बस्ती के बाशिंदों को दिए गए। लेकिन सरकारी इमदाद पर बने शौचालयों को गत जुलाई माह में कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज के कर्मियों ने अवैध करार देते हुए ध्वस्त कर डाला। शौचालय ध्वस्त होने से बस्ती के बाशिंदे खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। जंगल में बसी बस्ती में खुले में शौच जाना स्थानीय बाशिंदों के लिए सुरक्षा के लिहाज से खतरा बना हुआ है। बस्ती के बुजुर्गों व महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। जबकि इससे प्रधानमंत्री के खुले में शौच मुक्त भारत अभियान को भी पलीता लग रहा है।
प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से स्थानीय बाशिंदों ने वन विभाग द्वारा ध्वस्त किए गए शौचालयों का पुनर्निर्माण कराने की मांग की है। ज्ञापन पर लियाकत, सुलेमान, मीर हमजा, इमाम हुसैन, इनाम, अहमद अली, आबिद, सद्दाम, जहांगीर, रमजान, रुस्तम आदि के हस्ताक्षर हैं।