परिवहन विभाग अब सभी 13 जिलों में वाहनों की सुरक्षा के लिए सीट बेल्ट और हेलमेट पहने बिना पहचाने गए वाहन चालकों के लिए विशेष ‘कक्षाएं’ आयोजित करेगा। हाल में यहां आयोजित एक बैठक में परिवहन आयुक्त डी.सेंथिल पांडियन ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करे कि यातायात नियम उल्लंघनकर्ता सभी जिलों में अनिवार्य वर्गों में भाग ले। देहरादून जिले में पहले से ही कक्षाएं चल रही हैं, और अब यह सत्र अन्य जिलों में बढ़ाए जाएंगे।
पंडियन ने कहा, “सभी लोगों को हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने के लिए दंडित करने से पहले संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में दो घंटे तक अनिवार्य कक्षाओं में भाग लेना होगा उसके बाद दंड का भुगतान करना होगा और अंत में जाना होगा।” सत्रों के दौरान सड़क सुरक्षा पर युक्तियां दी जाएंगी। लेकिन स्थानीय लोगों को मानना है कि शायद ही इस तरह की कक्षाएं सड़क सुरक्षा में सुधार करने में मददगार साबित होंगी। लोगों का मानना है कि ज्यादातर नियम उल्लंघनकर्ता शायद ही इन कक्षाओं को गंभीरता से लें।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, कुल 1,327 उल्लंघनकर्ताओं में से केवल 607 जो संख्या में आधे से भी कम है उन्होंने दिसंबर 2015 में जब कक्षाएं शुरू हुई थीं तब आरटीओ में इस कक्षा में भाग लिया गया था। हेलमेट नहीं पहने हुए कुल 899 दोपहिया सवारों को दंडित किया गया जबकि दिसंबर 2015 से जून 2017 तक सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले वाहन चालकों की संख्या 428 थी।
आरटीओ के एक अधिकारी ने कहा, “बड़ी संख्या में उल्लंघन करने वालों ने दंड का भुगतान नहीं करने का फैसला किया और कक्षाएं छोड़ दीं,” एक आरटीओ अधिकारी ने कहा, इस श्रेणी में सड़क सुरक्षा नियमों और जोखिम और दुर्घटना में कमी के सुझावों के महत्व पर लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग शामिल थी।
वहीं दून निवासी कल्याण मोर्चा के अध्यक्ष महेश भंडारी ने कहा कि युवाओं को थकाऊ स्पीच के लिए बैठाकर,अगली बार उन्हें यातायात नियमों का पालन करने के लिए आवश्यक रूप से प्रेरित नहीं किया जा सकता। चूंकि सीट बेल्ट और हेल्मेट पहनने से मृत्यु दर बहुत कम हो सकता है, इसलिए सरकार को नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए कड़े नियम जैसे वाहनों की उसी समय जब्ती या ड्राइवरों के लाइसेंस के निलंबन की तरह के प्रावधान बनाने चाहिए।
आपकों बतादें कि सड़क सुरक्षा ड्राइव के अंतगर्त देहरादून एसएसपी भी आए दिन कुछ ना कुछ पाॅजिटीव करती रहती है जिससे सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में लोगों को काफी जागरुता मिल रही है।