उत्तराखंड और यूपी फतह के बाद अब केंद्र सरकार एक्शन में आ गयी है।गंगा को लेकर केंद्र सरकार ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए 19 अरब रुपये की 20 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है जिसमे से 13 परियोजनाएं उत्तराखंड में शुरू हो रही है। ऋषिकेश में 158 करोड़ की बड़ी परियोजना को अनुमोदित किया गया है जिस से श्रद्धालुओ और गंगा प्रेमियो में ख़ुशी की लहर है।
गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार गंगा किनारे बसे उत्तराखंड समेत पांच राज्यो में नयी शुरुवात करने जा रही है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सर्वे और प्लानिंग लगभग पूरी हो चुकी है। इंतज़ार है इस प्रोजेक्ट का धरातल में उतरने का जिसके लिए उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए 19 अरब रुपये की 20 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है जिस से आने वाले दिनों में गंगा जल बदलाव साफ़ देखा जायेगा। जिसमें इस प्रोजेक्ट के लिए एसटीपी ,जलीय जीव ब्रीडिंग सेंटर और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा सके और गंगा के तट अपने पुराने स्वरुप में लौट सके। गंगा प्रेमी और तीर्थ यात्री इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे केंद्र सरकार द्वारा धरातल में उतारने के लिए 19 अरब रुपये की राशि से बनने वाली परियोजनाओं को लेकर ख़ुशी की लहर है।
आबादी का बोझ उठाते उठाते गंगा में प्रदूषण की मात्रा जिस कदर बड़ रही है उससे आने वाले समय में गंगा आचमन के योग्य भी नहीं रह पायेगी, इसलिए इसे जल्द ही स्वत्छ करने की जरूरत है। वहीँ नमामि गंगे प्रोजेक्ट के उत्तराखंड प्रभारी राघव लंगर का कहना है कि ये परियोजना काफी बड़ी है जिसके लिए अब गंगा तटो पर कई योजनाओ को शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और गंदे नालो की टेपिंग के साथ साथ धरातल पर कई काम शुरू किये जा रहे है।गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नमामिगंगे प्रोजेक्ट रिसर्च के बाद अपनी योजनाओ को धरातल पर उतारने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।जिसके लिए उत्तराखंड में १३ बड़ी परियोजना को हरी झंडी मिल गयी है ऋषिकेश में सबसे बड़ी योजना के लिए 158 करोड़ अनुमोदित कर दिए है।जिस से स्थानीय निवासियों में उम्मीद बंधी है जल्द ही नमामि गंगे प्रोजेक्ट का लाभ गंगा को मिलना शुरू हो जायेगा।