महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की योजना नंदा-देवी कन्याधन और समाज कल्याण विभाग की योजना गौरादेवी कन्याधन का संचालन अब ‘नंदा-गौरा कन्याधन योजना’ के रूप में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग करेगा। इन दोनों योजनाओं का स्वरूप बदलते हुए विलय कर एक ही योजना बनाई गई है, इस मामले में शासनादेश भी जारी किया गया है।
बालिकाओं के विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर तैयार की गई एकीकृत योजना का लाभ बालिका के जन्म लेते ही मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए अभिभावकों को बालिका के नाम पर शून्य बैलेंस पर राष्ट्रीयकृत बैंक में माता के साथ संयुक्त खाता खुलवाना होगा। माता के जीवित नहीं रहने पर पिता के साथ और यदि पिता की भी मृत्यु हो चुकी है तो संरक्षक के साथ मिलकर संयुक्त खाता खोला जाएगा। इतना ही नहीं किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े से बचने के लिए इस खाते को आधार कार्ड से लिंक करना होगा।
प्रथम चरण में योजना का लाभ उत्तराखंड राज्य में निवास करने वाले पात्र परिवार की दो जीवित बालिकाओं को दिया जाएगा। एक जुलाई 2017 के बाद पहली बार लाभ लेने के लिए सामाजिक, आर्थिक व जातीय आधारित जनगणना 2011 मान्य होगी। लाभार्थी योजना के संचालन के लिए प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में मुख्य विकास अधिकारी अध्यक्ष, जिला कार्यक्रम अधिकारी उपाध्यक्ष, जनपद के लीड बैंक के अधिकारी व संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी सदस्य होंगे।
योजना का लाभ लेने के लिए माता-पिता को बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में जन्म के तीन माह के भीतर आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र आंगनबाड़ी केंद्र व बाल विकास परियोजना कार्यालयों में निशुल्क उपलब्ध होंगे। योजना के तहत बालिका को कुल 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। इसमें जन्म के समय 5000 रुपये, एक वर्ष की आयु पर 5000 रुपये, आठवीं कक्षा पास करने पर 5000 रुपये की राशि खाते में जाएगी। इसी तरह, 10वीं व 12वीं कक्षा पास करने पर पांच-पांच हजार रुपये, स्नातक या डिप्लोमा करने पर 10 हजार रुपये और विवाह के समय 16 हजार रुपये की राशि इस संयुक्त खाते में सरकार की ओर से डाली जाएगी।