राष्ट्रीय राजमार्ग 74 घोटालेबाजों ने गायब की फाईले

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कांग्रेस राज का सबसे बडा घोटाला अब अधिकारियों और सफेदपोशों के लिए गले की हड्डी बन गया है। जो ना उगलते बन रहा है और ना निगलते, उधम सिंह नगर मे राष्ट्रीय राजमार्ग 74 लेंड यूज बदलने को लेकर हुए घोटाले की जडे जसपुर से भी जुडी है, जांच जैसे जैस आगे बढ रही है वैसे वैसे घोटालों का परतें खुलती जा रही हैं।118 करोड का दिखने वाला घोटाला अब 300 करोड का आंकडा छूता दिखाई दे रहा है।अधिकारियों और दलालों के सिंडीकेट से हुए इस घोटाले की शुरुवात जसपुर से ही हुई है, जहां से सबसे ज्य़ादा 143 की फाईलें सरकारी दफ्तार से घायब हैं… ।

जसपुर तहसील से जुडी भूमि अधिगृहण घोटाले की परतें अब परत दर परत खुलती नजर आ रही है, उच्च स्तरीय जांच शुरु होने के बाद जसपुर तहसील में भी हडकम्प मचा हुआ है। जहां एक तरफ फाईलों में लिपापोती की जा रही है वहीं कुछ महत्वपुर्ण फाईलें ही तहसील से गायब कर दी गयी है। जिससे करोडों के घोटालें में अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता से भी इन्कार नहीं किया जा सकता, काबिले गौर है कि जसपुर एसडीएम कार्यालय से इन्हीं मामलों से संबंधित डेढ दर्जन फाईले गुम बताई जा रही है। हाला कि एसडीएम कार्यालय ने इस के लिये तत्कालीन पेशकार को जिम्मेदार मानते हुए स्थानीय कोतवाली मे नामदर्ज रिर्पोट भी दर्ज कर दी है।

वहीं भाजपा नेता व पूर्व विधायक डा. शैलैन्द्र मोहन सिंघल शुरूवाती दौर से ही इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की वकालत कर रहे हैं, इसी मांग को लेकर प्रधान मंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं।

गौरतलब है कि राष्ट्रय राजमार्ग के साथ लगती कृषि भूमि को अनैतिक रूप से व्यवसायिक श्रेणी में दर्ज किये जाने के मामले की जाचॅ कुमाउॅ कमिशनर द्वारा की जा रही है।बताया जा रहा हे प्रारंभिक जांच मे कई अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्ता का अंदेशा हे।वर्ष 2011 से लेकर अब तक कई पीसीएस अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही एनएच के अधिकारी भी संदेह के दायरे मे बताये जा रहे है।