गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी से महज 40 किलोमीटर के फासले पर स्थित 116 परिवारों वाले नौगांव में घरों की रसोइयां 15 दिन में धुंआरहित होने जा रही है। इसके साथ यह राज्य का ऐसा पहला गांव हो जाएगा। दरअसल, पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस गांव को गोद लिया है। तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गांव के उन 75 परिवारों को नि:शुल्क चूल्हा और गैस कनेक्शन मुहैया कराए जा रहे हैं, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं है। नौगांव प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत का गांव है और इस पहल से वह खासे उत्साहित भी हैं।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत उत्तराखंड में भी डेढ़ लाख बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन मिल चुके हैं। बावजूद इसके, तमाम लोग ऐसे हैं, जो बीपीएल सूची में नाम न होने के कारण योजना के लाभ से वंचित हैं। इस बीच पेट्रोलियम मंत्रालय ने भी देशभर में कुछ गांवों को गोद लेकर इन्हें धुआंरहित करने का ऐलान कर दिया। इस कड़ी में उत्तराखंड के नौगांव को भी गोद लिया गया है। थलीसैण विकासखंड का सड़क से लगा है नौगांव। गांव के निवासी और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत के अनुसार 119 परिवारों वाले नौगांव में बीपीएल श्रेणी के सात परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत कनेक्शन मिले थे। इन सात परिवारों में से तीन ने बाद में पलायन कर दिया। वर्तमान में गांव में 116 परिवार रह रहे हैं। इनमें से 37 के पास गैस कनेक्शन हैं, जबकि चार बीपीएल परिवारों को भी कनेक्शन मिले हैं। शेष 75 परिवारों के पास कनेक्शन नहीं है और वे ईंधन के लिए लकड़ी का इस्तेमाल करते आ रहे हैं।
पेट्रोलियम मंत्री से योजना में शामिल होने का आग्रह
डॉ रावत ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर नौगांव को धुंआरहित गांव योजना में शामिल करने का आग्रह किया। इसे पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया और गांव को गोद लेकर वंचित ग्रामीणों को चूल्हा व गैस कनेक्शन मुहैया कराने की जिम्मेदारी ओएनजीसी को सौंप दी। डॉ रावत के अनुसार यह कवायद पूरी हो चुकी है और एक पखवाड़े के भीतर नौगांव के सभी परिवारों के पास गैस कनेक्शन उपलब्ध हो जाएंगे। इसके साथ ही नौगांव राज्य का पहला धुंआरहित गांव हो जाएगा।
नियमित रूप से मिलेंगे सिलेंडर
नौगांव के 42 कनेक्शनधारियों को वर्तमान में पौड़ी से गैस सिलेंडर की सप्लाई होती है। संख्या कम होने के कारण गैस की गाड़ी वक्त पर नहीं आती। धुंआरहित गांव घोषित होने पर वहां हर माह सिलेंडर का वाहन पहुंचेगा। वैसे भी वहां तब कनेक्शन बढ़कर 116 हो जाएंगे।