जल निगम की प्राथमिकताओं में नहीं जरूरतमंद इलाके

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देहरादून। भले ही पेयजल निगम व एडीबी विंग शहर में पुरानी लाइनों के स्थान पर नई डालने का काम कर रहे हों। हालांकि, जनवरी में एडीबी विंग का अनुबंध समाप्त हो रहा है तो अब इन लाइनों को बदलने की पूरी जिम्मेदारी पेयजल निगम के पास है। लेकिन, हैरत की बात ये है कि अब तक वो इलाके निगम की अमृत प्रोजेक्ट की सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं, जहां की पेयजल लाइनें अति जर्जर हालत में पहुंच चुकी हैं। जिस कारण इन नौ इलाकों में दो लाख से ज्यादा लोगों को आए दिन पेयजल किल्लत व गंदे पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। हालांकि, जल संस्थान ने इन जगहों पर लाइन बदलने के लिए दो साल पहले प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे थे और ये प्रस्ताव शासन ने पास भी कर दिए थे। लेकिन, कुछ समय पहले सरकार ने जल संस्थान से नई योजनाएं बनाने का काम छीन लिया और यह जिम्मेदारी पूरी तरह से पेयजल निगम को सौंप दी। जिसके बाद ये इलाके लावारिस जैसी हालत में पड़े हैं।

ईसी रोड की 18 इंच की लाइन
जल संस्थान ने नेहरू कॉलोनी से सर्वे चोक तक तीन नलकूपों का पानी लेकर आ रही 18 इंच की सीमेंट की लाइन लगभग खत्म हो चुकी है। जल संस्थान ने इसके लिए तीन करोड़ प्रस्ताव बनाया जरूर, लेकिन पैसा नहीं मिला और न पेयजल निगम व एडीबी विंग ने इसे बदलना जरूरी समझा। ये अकेली लाइन 50 हजार उपभोक्ताओं पर असर डालती है।
विजय कॉलोनी-हाथीबड़कला
यहां की लाइन भी अति जर्जर हालत में पहुंच चुका है। जल संस्थान आठ करोड़ रुपये में इस क्षेत्र की दशा बदलने का प्रयास किया था, लेकिन बजट का रोड़ा फिर आड़े आ गया। यहां भी निगम का कोई प्रस्ताव नहीं है। यहां भी तीस हजार से ज्यादा आबादी प्रभावित है।
अन्य भी कई इलाके प्रभावित
इनके अलावा करनपुर क्षेत्र, चुक्खुमौहल्ला, नेहरू कॉलोनी, डीएल रोड, कैनाल रोड, पूर्वी पटेलनगर आदि जगहों पर भी लाइनों की हालत भी बहुत खराब है। यहां भी एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित है, लेकिन कोई सुध लेने को ही तैयार नहीं। मामले में पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक भजन सिंह ने बताया कि अमृत प्रोजेक्ट के तहत निगम इन इलाकों को भी शामिल किया जाएगा। शीघ्र ही यहां भी लाइनें बदली जाएगी, जिससे लोगों को राहत मिल सके।