देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की नियुक्तियों को लेकर लगातार उठ रहे सवालों और नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ियों का निपटारा पांच जनवरी तक हो जाएगा। हाल में विवि की जिम्मेदारी संभालने वाले कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने नियुक्तियों में धांधली को लेकर विशेष समिति का गठन किया था। समिति को पांच जनवरी तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। जानकारों की माने तो जांच रिपोर्ट के बाद विवि नए सिरे से कुल 292 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी कर सकता है।
292 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया का है मामला
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने बीते 31 दिसंबर 2016 को संस्थान में शैक्षिक, तकनीकी व नर्सिंग संवर्ग सहित विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इसके तहत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक करीब दो सौ से ज्यादा पदों पर भर्ती होनी थी। लेकिन कुछ दिन बाद ही यूनिवर्सिटी ने विज्ञप्ति निरस्त करने की सूचना वेबसाइट पर अपलोड कर दी। इसके बाद दोबारा नए सिरे से विज्ञपत्ति जारी की गई। लेकिन राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद यह प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में चली गई। इस बीच विवि फैकल्टी की भारी कमी से जूझता रहा। बीते कुछ वक्त पहले एक बार विवि ने कुल 292 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की। प्रक्रिया भी जारी है। लेकिन इस बार नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली को लेकर सवाल उठने लगे। यहां तक की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बनाई गई समितियों तक पर बाहरी दखल के आरोप लगाए गए। इसे लेकर कुलपति तक से लिखित रूप से विवि के अधिकारियों द्वारा शिकायत की गई। हालांकि अभी तक इसे लेकर कुछ सकरात्मक कदम नहीं उठाए गए। विवि में इन तमाम अव्यवस्थाओं के होने का कारण स्थाई कुलपति का न होना माना जा रहा था।
नए कुलपति ने गठित की जांच समिति
बीते माह विवि को नया निजाम मिला। विवि को स्थाई कुलपति मिला। नए कुलपति ने अव्यवस्थाओं को ढर्रे पर लाने के लिए नए सिरे से सकरात्मक दिशा में बदलावों की पहल की। संबद्ध संस्थानों की मनमानी पर लगाम लगाने को जहां फैकल्टी के आधार और पैन कार्ड अनिवार्य किए। वहीं, दूसरी ओर नियुक्तियों के होने तक शासन से अटैच चिकित्सकों को बरकरार रखे जाने का अनुरोध भी किया। कुलपति ने विवि में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया पर लग रहे आरोपों को भी गंभीरता से लिया। जिसके बाद नियुक्तियों पर विभिन्न स्तरों में प्राप्त शिकायतों का निपटारा करने के लिए पूर्व में जारी विज्ञप्ति के पुनरवलोकन एवं परीक्षण किए जाने हेतु नए समिति बनाई।
पांच जनवरी को समिति देगी रिपोर्ट
जाचं समिति को पांच जनवरी तक रिपोर्ट तैयार कर प्रेषित करने के निर्देश दिए। माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट के बाद नियुक्तियों को लेकर निर्णय हो सकता है। बताया जा रहा है कि यदि जाचं रिपोर्ट में नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई तो विवि नियुक्तियों को लेकर नया विज्ञापन भी जारी कर सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर विवि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की। विवि के कुलचसिव प्रो. अनूप कुमार गक्खड़ के मुताबिक विवि जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर लेगा।