एनएच घोटाले में हर दिन नया मोड

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बाजपुर, मुआवजा घोटाले में हर दिन नये मोड आ रहे हैं जिसको लेकर एसआईटी भी असमंजस में है, वहीं अब एनएच 74 घोटाले में नया मोड ये आ गया है कि 143 की ज्यादातर फाईलों में हस्ताक्षर फर्जी पाये गये है, यही नहीं मुआवजा क्या फर्जी हस्ताक्षरों के आधार पर हो गया या फिर ये सोची समझी साजिश थी? अब एसआईटी के लिए घोटालेबाजों के साथ ही हस्ताक्षरों की जांच भी अहम हिस्सा बनता जा रही है।

एनएच मुआवजा घोटाले में एसआइटी लगातार शिकंजा कसती जा रही है, अब एक ही दिन में मुआवजा पाने वाले बाजपुर के 22 काश्तकार भी एसआइटी के राडार पर हैं। अब तक की कार्यवाही से भले ही कई बडे नामों के सामने आने से एनएच मुआवजा घोटाले की परतें खुली हों लेकिन बाजपुर तहसील और भी कई राज खोलेगी, जिसमें और कई बडे नामो के सामने आने की उम्मीद है।

एसआइटी कई तहसीलों के किसानों और अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन बाजपुर तहसील में सबसे अधिक देर लगने वाली है। क्योंकि बाजपुर में सबसे ज्यादा लोग निशाने पर हैं। खास बात यह है कि एसआइटी ने बाजपुर के एक ही दिन में मुआवजा पाने वाले 22 काश्तकारों पर निगाहें तिरछी कर दी हैं। एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि यह काश्तकार पर एसआइटी की राडार पर हैं। इनसे कभी भी पूछताछ और अभिलेखों की जांच हो सकती है। वहीं मुआवजा कितना किसको मिला है और कितना दर्ज है। इन सभी बिंदुओं पर गहनता से पूछताछ कर सकती है।