भूमि अधिग्रहण मुआवजा घोटाले की जांच डबल लॉक में रखी गयी फाईलों के चलते उलझ गई है। शासन से अनुमति न मिल पाने के कारण जहां जांच प्रभावित हो रही है वहीं शासन की अनुमति ही जांच की रफ्तार दे सकती है। अनुमति न मिलने तक एसआइटी की जांच भी प्रभावित होगी।
एन एच घोटाले का जिन्न बाहर आते ही तत्कालीन कुमाऊं आयुक्त डी सेंथिल पांडियन ने मुआवजे से संबंधित फाइलों को उप कोषागार के डबल लॉक में सुरक्षित रखवा दिए गए थे। दस्तावेज डबल लॉक में सुरक्षित रखवाने के आदेश के बाद से ही भूमि अधिग्रहण संबंधित मुआवजे का सारा काम ठप पड़ गया। इसके चलते किसान भी मुआवजे के लिए परेशान घूम रहे हैं। बीते दिनों काशीपुर से गायब फाइलों के जसपुर से बरामद होने के बाद एसआइटी जांच ने जब अपनी रफ्तार पकड़ी तो मामला एक बार फिर गर्मा गया। इस प्रकरण में एसआइटी पूर्व एलएलएओ सहित एनएनएआइ के अफसरों व काश्तकारों के बयान दर्ज कर चुकी है। एसआइटी द्वारा बयान दर्ज करने के बाद उनकी सत्यता को परखने के लिए अधिग्रहण संबंधित दस्तावेजों की जरूरत पड़ने लगी है। लेकिन डबल लॉक में बंद दस्तावेज प्रमुख सचिव के आदेश के बिना बाहर निकालना संभव नहीं है। जिसके चलते एसएवपी डा. सदानंद एस दाते ने जिलाधिकारी को पत्र लिख दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए लिखा था। जिसे शासन की अनुमति के लिए देहरादून भेज दिया गया है। लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। दस्तावेजों के बिना एसआइटी की जांच के प्रभावित होने की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
जबकि इस मामले में एसएसपी सदानन्द दाते ने बताया कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए दस्तावेज हासिल करना जरूरी है। डबल लॉक में बंद दस्तावेज हासिल करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। जरूरत पड़ने पर इसमें पुलिस महानिदेशक स्तर पर भी सहयोग से पीछे नहीं हटा जाएगा। जिससे जल्द दस्तावेज हासिल कर जांच को और गतिशील किया जा सके।