एनएच 74 घोटाले की जांच की आंच अभी ठंडी भी नहीं हुई कि एक और घोटाले की आशंका जताई जा रही है। ग्रामीणों ने राज्यपाल को पत्र भेजकर मामले की जांच कराने की गुहार लगाई है।
गरीबों को रोजगार मिल सके, इसके लिए मनरेगा योजना चलाई जा रही है। मगर यहां तो मजदूरी में घोटाले के आरोप लगने लगे हैं। ग्राम बरखेड़ापांडे के कुछ लोगों ने बैंक खाते व जॉब कार्डों की छाया प्रतियों के साथ राज्यपाल को शिकायती पत्र भेजकर कहा है कि प्रधान ने उनके बैंक खाते खुलवाए हैं। साथ ही कुछ चेक बुक पर हस्ताक्षर कराकर अपने पास रख लिए हैं। मनरेगा में जॉब कार्ड भी बनवाए गए हैं। जब भी प्रधान से मनरेगा में काम मांगा तो योजना आने पर काम देने की बात कहकर बैरंग लौटा देते थे। जॉब कार्ड में किसी प्रकार की उपस्थिति या मजदूरी की धनराशि अंकित नहीं की गई है। मनरेगा में काम तो मिला ही नहीं है, जबकि प्रधान ने कार्य फर्जी दर्शाकर बैंक खाते में मजदूरी की धनराशि डलवाकर निकाल ली। खाते की पासबुक में एंट्री कराने बैंक गए तो पता चला कि उनके खाते में रुपये डाले गए और निकाले गए हैं। जब इस मामले में प्रधान से पूछा गया तो उन्होंने मामले को शांत रखने की धमकी दी। उन्होंने राज्यपाल से मामले की जांच कर प्रधान के खिलाफ कार्रवाई कराने की गुहार लगाई है।