एडीबी अधिकारी ने माना कि बिना अनुमति तोड़ी थी कब्रिस्तान की दीवार

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रुड़की कब्रिस्तान की दीवार तोड़े जाने की जांच के लिए पहुंचे नायब तहसीलदार एवं एडीबी के अधिकारियों ने मौके पर मुआयना किया। मौके पर एडीबी अधिकारी ने अपनी गलती स्वीकार की। बीते दिनों बिजली के खम्बे कब्रिस्तान में शिफ्ट करने के लिए कब्रिस्तान की दीवार तोड़ी जा रही थी, जिसका कारण एडीबी की मशीनों का रास्ता बताया गया।
आम आदमी पार्टी के शारिक अफ़रोज़ ने यह काम लिखित अनुमति न होने के कारण रुकवाया ओर इसमे साजिश होने का संदेह जताया। इसी क्रम में एक डेलिगेशन ज्वाइंट मेजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल से मिला था, जिसपर उन्होंने आश्वासन दिया की कब्रिस्तान की दीवार को नही तोड़ा जाएगा व पूरे घटना क्रम की जानकारी के लिए तहसीलदार को आदेश किए। वक़्फ़ चेयरमैन इरशाद मसूद ने बताया कि उन्होंने एडीबी या बिजली विभाग को खम्बा शिफ्ट करने की कोई अनुमति नही दी और सबने इस पर एडीबी पर कार्यवाही करने का फैसला लिया। नायाब तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि कब्रिस्तान की दीवार को किसी हाल में नही तोड़ा जाएगा, क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला है और समुदाय की आस्था जुड़ी है। शारिक अफ़रोज़ ने कहा कि दीवार को तोड़ने के पीछे एक षड्यंत्र है। इससे शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश है, जो हम नही होने देंगे। हाजी मुस्तकीम ने बताया कि दीवार को तोड़ना झगड़े को निमंत्रण देना है। हाजी नदीम ने कहा कि दीवार को तोड़ने से मुस्लिम समुदाय में रोष है। जावेद अख्तर एडवोकेट ने कहा कि इस बार तो हमने टूटी दीवार की मरम्मत कर ली, अगर पुनः इसको तोड़ा गया तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मो. असलम ने नायब तहसीलदार को दोषियों पर जल्द से जल्द कार्यवाही करने को कहा। एडीबी अधिकारी संजीव कुमार ने सार्वजनिक रूप से नायाब तहसीलदार के सामने माना कि बिना लिखित अनुमति के उन्होंने कब्रिस्तान की दीवार तोड़ने का कार्य किया और इसको एक चूक बताते हुए भविष्य में ऐसी गलती न करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर शारिक अफ़रोज़, एडवोकेट जावेद अख्तर एडवोकेट , हाजी मुस्तकीम, हाजी नदीम, मो असलम, सय्यद शीराज़ मेहदी, मो आलम , मुमताज़ नक़वी, असलम कुरेशी, इरशाद मसूद, मसरूर खान, फैज़ान खान, फैसल, मो सालिम, हाजी इक़बाल, हाजी मेहबूब, हाजी समी खान, जहांगीर कुरैशी आदि शामिल रहे।