नए पाठ्यक्रमों के लिए साल में एक ही बार हों आवेदनः सीएस

0
634

देहरादून। नर्सिंग संस्थानों में नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए वर्ष में एक बार ही आवेदन कराए जाएंगे। मुख्य सचिव ने निजी संस्थानों की इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में उक्त निर्देश दिए।

बुधवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय में निजी नर्सिंग संस्थानों को अनापत्ति दिए जाने से संबंधित इम्पावर्ड कमेटी की बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि नर्सिंग के नए पाठ्यक्रमों के संबंध में निजी संस्थानों की सुविधा को देखते हुए व्यवहारिकता को देखते भविष्य में वर्ष में एक बार ही आवेदन जमा कराए जाएं। कार्य के सरलीकरण व व्यवहारिकता को देखते हुए निरीक्षण दल प्रवेश प्रक्रिया से पूर्व पुनः भौतिक निरीक्षण करने पर भी विचार करें। बैठक में बताया कि वर्ष 2018-19 में निर्धारित प्रक्रिया के तहत निजी नर्सिंग संस्थान खोलने औऱ सीट वृद्धि के लिए वर्ष में दो चरणों जनवरी और जून में आवेदन किए जाते हैं, अब वर्ष में एक बार ही आवेदन करने पर निर्णय लिया गया। पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने व संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए देहरादून में संचालित स्टेट कालेज नर्सिंग तथा स्टेट स्कूल ऑफ नर्सिंग को एक ही संस्थान के रूप में सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया। राज्य के विभिन्न जिलो में 05 ए.एन.एम सेन्टर जो वर्तमान में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के अधीन संचालित है, उन्हे अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के नियंत्रण में चलाया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के 25 निजी नर्सिंग संस्थान चल रहे है, जो 04 मैदानी जिलों तक ही सीमित हैं। पर्वतीय जनपदों में भी नर्सिंग संस्थान खोलने के नये प्रस्ताव तैयार कर इन्वेस्टर्स को आमंत्रित किया जाय। वर्तमान में जनपद बागेश्वर तथा उत्तरकाशी में कोई नर्सिंग कालेज नही है। उन्होंने कहा कि इन जनपदों में कालेज खोलने हेतु निजी संस्थानों को आमंत्रित करने के साथ ही विद्यार्थियों को बेहतर रोजगार हेतु कैम्पस चयन की प्रक्रिया अपनायी जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि निरीक्षण दल को पुनर्गठित करते हुए उनसे अपेक्षा की जाए कि उनके द्वारा जो भी संस्तुति दी जाए वह स्पष्ट व निश्चित हो। बैठक में अन्य राज्यों की भांति स्टेट मेडिकल फैकल्टी, स्टेट नर्सिंग काउंसिल, पैरामेडिकल काउंसिल एवं डेन्टल काउंसिल तथा मेडिकल काउंसिल को चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग से स्थानान्तरित कर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन किये जाने पर निर्णय लिया गया। नर्सिंग छात्रों के लिए कौशल विकास विकसित करने के उद्देश्य से तीनों राजकीय मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिये जाने पर सहमति दी गई। बैठक में सचिव एनके झा, अपर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री चन्द्रेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अर्चना, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, सीएमएस देहरादून डॉ. केके टम्टा समेत चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।