तीर्थनगरी ऋषिकेश में इन दिनों चार धाम यात्रा के साथ साथ पर्यटक राफ्टिंग का लुफ्त उठाते नजर आ रहे है। लेकिन वाईट रिवर राफ्टिंग के मशहूर ऋषिकेश के राफ्टिंग जोन में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे है। जिसका मुख्य वजय ओवरलोडिंग राफ्ट्स, हेल्मेट्स और लाइफ जैकेट्स का ठीक न होना और नियम-कायदों की अनदेखी है। बीते कुछ सालो में इस साहसिक खेल पर हादसों का ऐसा धब्बा लग गया है जिस में मोजमस्ती के लिए आया लोेग अपनी जान तक गवा रहा है।
प्रशासन और टूरिस्म विभाग भी इस पर चुप्पी साधे हुए है, गंगा में रिवर राफ्टिंग जिसके लिए ऋषिकेश का रिवर राफ्टिंग जोन देश विदेश में अपनी खास पहचान रखता है। गंगा के इस छेत्र में वलर्ड फेमस 7 ऐसे रैपिड है जिनका रोमांच सभी को जिन्दगी भर याद रहता है, लेकिन बीते कुछ समय से गंगा के ये रैपिड जान के दुश्मन बन गए है, जिस में आये दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है।
जानकार मानते है की इसकी मुख्य वजय टूरिस्ट का बड़ी संख्या में पहुंचना और राफ्टिंग संचालकों के द्वारा नियम-कायदों की अनदेखी और ओवरलोडेड राफ्ट है। वीकेंड पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुचते है जिससे राफ्टिंग संचालक सभी नियम ताक पर रख कर थोड़े पैसे के लालच में राफ्टो पर ओवर लोडिंग शुरू कर देते है ऐसे में रैपिड पर संतुलन बिगड़ने से ये ओवर लोड राफ्ट पलट जाती है जिसमे सवार पर्यटक उतेजना और डूबने के डर से जान गवा बैठता है। DFO राहुल सिंह का कहना है की इन सब घटनायों पे नजर रखने के लिए एक टीम का घट्न किया जा रहा है और जो भी दोषी पाया जाता है तो उसपे कड़ी कार्यवाही होगी।
नियमो और कायदों की अनदेखी कर गंगा में रिवर राफ्टिंग करना पर्यटकों की जान पर भारी पड रहा है, लगातार पर्यटन जोन में हो रहे हादसे यहाँके राफ्टिंग उद्योग के लिए खतरनाक साबित हो रहे है जिसकी चिन्ता न टूरिस्म विभाग को है और न हीं राफ्टिंग संचालको को।