महाकाली की आवाज संगठन,पिथौरागढ़ ने पंचेश्वर बांध को माआवोदियों से जोड़े जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संगठन ने कहा है कि बांध विरोध को माओवाद से जोड़कर डूब क्षेत्र की जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। जिसे क्षेत्र की जनता सफल नहीं होने देगी।
संगठन के संयोजक शंकर खड़ायत ने कहा है कि पंचेश्वर बांध परियोजना का विरोध वे लोग कर रहे हैं, जिनके घर, खेत, जंगल बांध में डूबने हैं। ये लोग किसी संगठन के भड़काने पर विरोध नहीं कर रहे हैं। बांध क्षेत्र के लोगों के लिए जीवन-मरण का सवाल है। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि एक ओर भारत में बांध के लिए माओवाद का हौवा खड़ा किया जा रहा है, तो दूसरी ओर नेपाल में माओवादियों के सहयोग से चल रही सरकार बांध का समर्थन कर रही है।
उन्होंने कहा है कि सरकार ने पुनर्वास और विस्थापन का जो ड्राफ्ट तैयार किया है वह कहीं से भी जनपक्षीय नहीं है। सरकार ने इस ड्राफ्ट में सिर्फ अपनी बात रखी है। जनता से लिए गए कोई भी सुझाव इस पालिसी में शामिल नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि डूब क्षेत्र की जनता तब तक अपना विरोध जारी रखेगी जब तक उनके सुझावों पर सरकार अमल नहीं करती है।