ऋषिकेश। राज्य परिवहन निगम की अधिकांश पुरानी व खटारा हो चुकी बसों को डेंट-पेंट व मरम्मत कराकर यात्रियों की सेवा में लगाया गया है। इसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ता है। परिवहन विभाग के ऋषिकेश डिपो में बसों के बेड़े में खस्ताहाल बसें यात्रियों के लिए दुखदायी साबित हो रही हैं। इसमें खुद विभाग की बसों सहित अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। विभाग की ओर से यात्रियों की सुविधाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। कम दूरी की कई बसों में तो सफर करते समय दरवाजे व खिड़कियों के शोर से यात्रियों का सिर दर्द करने लगता है। इसके अलावा लंबी दूरी के यात्रियों को दोगुना समय लगाकर यात्रा करनी पड़ती है।
इस संबंध में जब चमोली की एआरटीओ अनीता से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि ऋषिकेश डिपो की कोई भी बस उनके कार्यालय मे पंजीकृत नहीं है, जबकि उनका रिकवरी वाहन अकेला उनके कार्यालय में पंजीकृत है बाकी सभी गाड़ियां जिनकी संख्या 71 बताई गई है वह देहरादून में पंजीकृत हैं। इसके बावजूद इस प्रकार की शिकायतें आने पर वह परिवहन निगम के अधिकारियों से बात करेंगी। उधर प्रतिदिन देहरादून हरिद्वार के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों को कहना है कि ऋषिकेश डिपो में बसों की कमी लगातार बनी हुई है। कई रूटों पर तो खस्ताहाल बसों के जरिए ही यात्रियों को सफर करना पड़ रहा है।