उत्तराखण्ड से पलायन रोकेगा पतंजलि

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(हरिद्वार) पतंजलि योगपीठ उत्तराखण्ड केे किसानों तक नागपुर के संतरा एवं नीबू की उत्तम प्रजाति पहुंचाकर यहां के पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने का अभियान स्तर पर कार्य करेगा। इसके लिए आचार्य बालकृष्ण ने नागपुर में सीसीआरआई परिसर में वहां के वैज्ञानिकों के साथ विचार विमर्श किया।
यह जानकारी सोमवार को पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने नागपुर से फोन द्वारा दी। वे इन दिनों नागपुर प्रवास पर हैं। अपने नागपुर प्रवास के दौरान सोमवार को सीसीआरआई सेन्टर साइट्रस रिसर्च इन्स्टिट्यूट का वहां के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ अवलोकन किया तथा उनके साथ विचार-विमर्श किया। वहां के निदेशक डाॅ. एमएस लडानियां एवं अन्य वैज्ञानिक टीम के साथ विचार-विमर्श में तय हुआ कि पतंजलि सीसीआरआई के साथ मिलकर उत्तराखण्ड एवं नार्थ-ईस्ट के क्षेत्रों में नीबू एवं संतरा की उन्नत प्रजातियों से दोनों क्षेत्रों के किसानों को जोड़ेगा और उन्हें इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने बताया कि सर्व प्रथम यह प्रयोग नार्थ-ईस्ट के प्रांतों में किया जाएगा, तत्पश्चात उत्तराखण्ड के पहाड़ों पर नागपुर के संतरे एवं नीबू की फसल लहलहाने का कार्य किया जाएगा। इससे उत्तराखण्ड के किसानों में समृद्धि लौटेगी तथा यहां का पलायन रुकेगा। ज्ञात हो कि नागपुर के सीसीआरआई अनुसंधान संस्थान में 600 से अधिक नीबू एवं संतरे की उन्नत प्रजातियां विकसित हैं। जिसे पतंजलि पूर्वोत्तर में रिसर्च उद्यान बनाकर बड़े स्तर पर इन्हें तैयार कराएगा, तत्पश्चात उत्तराखण्ड के किसानों एवं युवाओं तक इन्हें पहुंचाएगा।