खत्म नहीं हो रही यशपाल बेनाम की मुसीबतें, जमानत याचिका फिर खारिज

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जिला आबकारी अधिकारी के साथ अभद्रता के मामले में न्यायालय ने नगर पालिका परिषद पौड़ी के अध्यक्ष यशपाल बेनाम और पूर्व दायित्वधारी सरिता नेगी समेत तीन लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी ।

शुक्रवार को सुनवाई के बाद अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश सहदेव सिंह की अदालत ने सरकारी कामकाज में बाधा डालने एवं गाली-गलौज करने के मामले में नगर पालिकाध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम समेत तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की।
नौ अगस्त को नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी समेत तीनों ने सीजेएम कोर्ट में समर्पण किया था। जहां से कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। घटना इसी वर्ष अप्रैल माह की है। शराब विरोधी मुहिम के तहत काफी संख्या में लोग जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचे थे। इस दौरान जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा भी मौजूद रहे।
आरोप है कि पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, बिजाल संस्था की अध्यक्ष सरिता नेगी व अशोक बिष्ट ने जिला आबकारी अधिकारी के साथ गाली-गलौज व अभद्रता की। इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी प्रभाशंकर मिश्रा ने तीनों के खिलाफ गाली-गलौज, सरकारी कार्य में बाधा डालने की नामजद रिपोर्ट कोतवाली पौड़ी में दर्ज कराई थी।
पुलिस की ओर से आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया था। उस वक्त तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। इसके बाद दोबारा नौ अगस्त जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई थी। शासकीय अधिवक्ता नसीम बेग ने बताया कि शुक्रवार को सुनवाई के बाद बेल रिजेक्ट हो गई।