वन विभाग की नींद तोड़ने के लिए बजाया डमरू

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(देहरादून) प्रदेश महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा के नेतृत्व में आज जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक को रोक लगाने के लिए डमरू बजाकर डमरू आंदोलन की शुरूआत की गई। इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक को एक ज्ञापन सौंपा गया।
बुधवार को प्रमुख वन संरक्षक कार्यालय राजपुर रोड़ में सुरक्षा के लिए अधिकारियों की नींद तोड़ने के लिए डमरु आन्दोलन के साथ-साथ डमरु बजाकर पुष्पगुच्छ के साथ एक ज्ञापन प्रमुख वन संरक्षक को सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया गया कि 13 सितम्बर माह में भी जगंली जानवरों से फसल व जनहानि रोकने के लिए एक ज्ञापन दिया गया था। परन्तु अधिकारियों की लापरवाही के कारण जगली जानवरों से जनता व फसल की रक्षा के लिए अभी तक भी कुछ नही किया गया है। इसलिए आज हमें डमरु बजाकर उन्हें नींद से जगाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा किं देहरादून जनपद सहित पूरे राज्य में विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों व शहर में बाघ, हाथीयों, बन्दरों आदि से राज्यभर में ग्रामीण व देहरादून नगरवासी अत्यधिक पीड़ित है। अभी तक कई लोगों को बाघ अपना निवाला बना चुका है नकरौंदा, कैन्ट, सहस्त्रधारा, केसरवाला, बालावाला, डोईवाला, नथुआवाला, गुलरघाटी ग्राम सहित आसपास की ग्राम सभाओं में जगंली हाथी, बाघ, बन्दर, सुअर से फसल व जान-माल की हानि को निरंतर भारी हानि हो रही है वहीं बन्दरों के निरंतर आक्रमण से नगरवासी भी लगातार पीड़ित हो रहे है।
उन्होंने कहा कि हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने बन्दर व सुअर बाड़े बनाने के लिए योजनाये बनाई थी व इसके लिए बजट भी स्वीकृत किया गया था। परन्तु वन विभाग की लापरवाही के कारण उपरोक्त योजना क्रियांवित नही हो पाई है। वहीं बन्दरों व सुअर के आतंक से जनता त्राही-त्राही कर रही है और बन्दरों के हिसंक आक्रमण भी लगातार बढ़े है। इसी प्रकार से हाथीयों को आबादी की ओर आने से रोकने के लिए भी योजनाये बनाई गई थी जिस पर विभाग के उदासीन रवईये के कारण कुछ नही हो पाया है। उनके हिसंक हमले लगातार फसलों व लोगो के लिए प्राण घातक होते जा रहे है। वन कर्मचारियों के पास ट्रेन्कुलाईजर गन व रस्सी व जाल भी उपलब्ध नही है बताया जाता है कि कैम्पा में व अन्य मदों में इसके लिए धनराशि की व्यवस्था हो रखी है परन्तु विभाग इस ओर आख मूद कर बैठा है। बाघ, सुअर, हाथी व बन्दरों के हमले लगातार नागरिकों पर बढ़ रहे है व हाथीयों के तांड़व से नकरौंदा, मियांवाला, बालावाला सहित कई ग्रमीण क्षेत्रों में जनता का जीना र्दुलभ हो गया है। उन्होने यह भी कहा कि कैम्पा सहित विभिन्न मदों में इन कार्या के लिए धनराशि सुरक्षित पड़ी हुई है। उन्होने जनपद के हर ड़ीएफओ क्षेत्र में अतिरिक्त ट्रेनकुलाईजर गन की व्यवस्था की मांग भी की है तथा कैम्पा में उपलब्ध धन का उचित उपयोग किया जाना चाहिए। फसलों व जान-माल की हानि के लिए वन विभाग मुआवजा राशि देने में भी कोताही कर रहा है।
इस अवसर पर सरदार हरजीत सिंह मिन्टू, कुलदीप प्रसाद डोबरियाल, सुशील विरमानी, पंकज नेगी, राधिका शर्मा, रेखा ड़िंगरा, मीना बिष्ट, आशिया खान, हिमांशु लोधी, भारत कौरी, रुबी चौधरी, कोकिल, लविश ड़ोरा, हाफिज अकरम कुरेशी, सरदार गगन सिंह, रेहाना प्रवीन, पिंकी, ललिता, साईरा, सरला आदि मौजूद रहे।