चुनाव में शराब की तस्करी करता पकड़ा गया पुलिस अधिकारी

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    उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा जिले के सल्ट में चुनाव के दौरान शराब सप्लाई का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ अल्मोड़ा पुलिस के सल्ट थानाध्यक्ष मंगी राम आर्या अपनी सरकारी बोलेरो जीप में शराब की बोतलें सप्लाई करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। सल्ट के विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना के अनुसार उन्हें उनके समर्थकों से सूचना मिली थी कि पुलिस की गाडी में विपक्षियों की शराब सप्लाई की जा रहा है जिसके बाद उन्होंने पुलिस की गाड़ी को रोका और उसमें से 12 बोतल महँगी अंग्रेजी शराब बरामद की। उन्होंने बताया कि पहले टीओ थानाध्यक्ष ने शराब को अपनी निजी बताई और फिर बयान बदलते हुए कहा कि ये उन्होंने मर्चूला से एक मोटर साईकिल चालक से बरामद की जो रात में भाग गया था। आरोप लगाया की ये श्राप पुलिस की मिलीभगत के साथ लोगों तक पहुंचे जा रही थी जिसे यहाँ रँगे हाथो ग्रामीणों की मौजूदगी में पकड़ा गया और अब इसे उड़न दस्ते को सौंप दिया गया है। पुलिस के उच्च अधिकारीयों ने आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। थानेदार को तत्काल सस्पेंड कर उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है । चुनाव में पुलिस की गाडी में एक राजनितिक पार्टी को फायदा पहुँचाने के लिए की गई शराब सप्लाई की इस घटना से क्षेत्रवासियों में रोष है।

    रविवार को सल्ट में एक थानेदार की जीप से शराब की बोतलों से भरी पेटियां पकड़े जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि राज्य के अफसर कांग्रेस का समर्थन करने से बाज आयें। उन्होंने कहा कि कुछ अफसरों की इस तरह की हरकतों से सारी ब्यूरोक्रेसी की छवि खराब होती है।
    भट्ट ने कहा की हरीश रावत ने शराब माफिया के बूते राज्य में तीन साल तक लूट मचाई और अब शराब माफिया और पुलिस के चहेते अफसरों के बूते वोटरों की जमीर खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, जिस में वह पूरी तरह नाकाम रहेंगे, क्योंकि उत्तराखंड की जनता राज्य के पर्यावरण और संस्कृति को बरबाद करने वाले को दुबारा सता सौंपने की गलती नहीं करेगी।
    अजय भट्ट ने कहा कि कांग्रेस बुरी तरह हार रही है, इसलिए बौखलाई हुई है। भाजपा को दो तिहाई सीटों पर जीत हासिल हो रही है, ब्यूरोक्रेसी को जनता के आदेश को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भी इस पर निगाह रखनी चाहिए कि कांग्रेस सरकार में उपकृत होने वाले अफसर चुनाव आयोग की आचार सहिंता का उलंघन नहीं कर पाएं।