उत्तराखंड में 20 फीसदी महंगी हो सकती है बिजली की दरें

0
886

अभी तक उत्तराखंड में सबसे सस्ती बिजली उपभोक्ताओं को देने की बात कही जाती है, लेकिन अगर पावर डेवलेपमेंट फंड पर रिटर्न आफ इक्विटी यूजेवीएनएल को मिली तो दरों में 20 फीसद की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। यूईआरसी यूजेवीएनएल की इस मांग को खारिज कर चुका है। लेकिन अब एपेलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी (एप्टेल) का फैसला जल्द ही इस प्रकरण में आने वाला है।

दरअसल, मनेरी भाली-द्वितीय (304 मेगावाट) परियोजना निर्माण के लिए राज्य सरकार से पावर डेवलेपमेंट फंड (पीडीएफ) से करीब 350 करोड़ रुपये दिए थे। परियोजना से वर्ष 2007-08 से बिजली उत्पादन शुरू हुआ। पीडीएफ के नियमानुसार 10 साल से पुरानी और ऐसी परियोजना जिनका टैरिफ यानी बिजली दरें 80 पैसे कम हैं, उन पर 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से पीडीएफ सेस लगना शुरू हो गया।

उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) इस सेस उपभोक्ताओं से वसूल करता है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) पीडीएफ पर प्रतिवर्ष 16 फीसद के हिसाब से रिटर्न ऑफ इक्विटी मांग रहा है। ब्याज समेत अब तक यह रकम साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये पहुंच गई है। अगले साल तक यह करीब एक हजार करोड़ रुपये हो जाएगी।

यूजेवीएनएल की याचिका को खारिज करते हुए यूईआरसी ने कहा था कि सेस उपभोक्ताओं से वसूल हो रहा है। अगर रिटर्न ऑफ इक्विटी दी गई तो उपभोक्ताओं पर दोहरी मार पड़ेगी। क्योंकि यूपीसीएल का खर्च बढ़ेगा और इससे टैरिफ में बढ़ोत्तरी होगी। यूईआरसी के इस निर्णय के खिलाफ यूजेवीएनएल एप्टेल चला गया था। आने वाले एक-दो हफ्ते में इस मामले में फैसला आना है। यूईआरसी सचिव नीरज सती ने बताया कि एप्टेल में पक्ष रख दिया है।

ऐसे बढ़ेंगी दरेंः

यूईआरसी ने ऊर्जा निगम का वर्ष 2017-18 का राजस्व 5840 करोड़ रुपये अनुमोदित किया है। अगर यूपीसीएल को रिटर्न ऑफ इक्विटी देनी पड़ी तो करीब एक हजार करोड़ का भार पड़ेगा। इसकी पूर्ति के लिए गणना के अनुसार बिजली दरों में करीब 20 फीसद की वृद्धि बैठती है। बता दें कि पिछले महीने ही यूईआरसी ने बिजली दरों में 5.72 फीसद की बढ़ोत्तरी की थी।

उद्यमियों का भारी विरोधः

पीडीएफ सेस का पैसा यूजेवीएनएल को देने का विरोध उद्यमी यूईआरसी में हुई कईं बैठकों में कर चुके हैं। यूईआरसी की सलाहकार समिति के सदस्य और इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि पावर डेवलेपमेंट का पैसा जनता का ही है। इसलिए रिटर्न ऑफ इक्विटी का कोई मतलब नहीं बैठता है। इसका हर स्तर पर विरोध होगा।

उद्यमियों का भारी विरोधः

पीडीएफ सेस का एक मामला पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड का भी है। यह रकम 181 करोड़ रुपये है। हालांकि अगर यूजेवीएनएल के हक में एप्टेल का फैसला आया तो यह पिटकुल के केस में भी लागू होगा।

वर्तमान में बिजली की औसत दरें (रुपये प्रति यूनिट) ः

  • घरेलू——————-3.89
  • अघरेलू————— 5.69
  • एलटी उद्योग——–5.38
  • एचटी उद्योग——–5.41