प्रतापपुर में बाघ की दहाड़ से दहशत

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खटीमा: नानकसागर क्षेत्र के बाद अब बाघ ने प्रतापपुर गांव में डेरा जमा लिया है। जिससे यहां के काश्तकारों में भय बना हुआ है। वन विभाग पदचिह्नों के आधार पर बाघ की रैकी कर रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बाघ दाह-ढाकी जंगल से इधर-उधर भटक रहा है। खटीमा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि बाघ के पैरों के निशान के आधार पर सर्च किया जा रहा है। जो अब प्रतापपुर गांव की ओर पहुंच गया है। हालांकि बाघ आबादी की ओर नहीं दिखा है। टीम बाघ की रैकी करने में जुटी हुई है। क्योंकि यह बाघ भटककर यहां पहुंच गया है। जो गन्ने के खेतों में है। जिससे काश्तकार डर की वजह से खेतों की ओर रुख नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बाघ जंगल की ओर नहीं गया तो वह गन्ने की फसल की कटाई नहीं कर सकेंगे। सितारगंज की घटना से किसान काफी सहमे हुए हैं।रेंजर बिष्ट ने बताया कि बाघ को जंगल तक भगाने के लिए योजना बनाई जा रही है। देर शाम तक बाघ को पुरानी खमरिया देहवा नदी के पार शीशम व खैर के जंगल पहुंचाने के लिए कई टीमें घेराबंदी कर रही हैं। जिसमें सफलता मिलने का दावा किया जा रहा है।