बद्रीनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व की प्रक्रिया 15 से शुरू

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भगवान बद्रीनाथ के कपाट 19 नवम्बर को सांय 07 बजकर 28 मिनट पर बंद होने होंगे। मगर कपाट बंद होने से पूर्व की प्रक्रियाएं 15 नवम्बर से शुरू हो जाएगी। भगवान के कपाट बंद होने से पूर्व प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्त भगवान के दर्शन के लिए देश-विदेश के विभिन्न कोनों से पहुंच रहें हैं।
शीतकाल में भगवान के कपाट विधि-विधान के साथ बंद होंगे। इसके लिए तय मुर्हुत और तिथि, 19 नवम्बर तय की गई है। कपाट बंद होने से पहले कड़ाके की सर्दी के बावजूद भी भक्तों का तांता भगवान के दर्शन के लिए लगा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को 2136 तथा सोमवार को 1046 तीर्थ यात्रियों ने भगवान के दर्शन किए। अभी तक 08 लाख 70 हजार 874 तीर्थ यात्रियों ने भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर लिए हैं। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह बताते हैं कि बद्री-केदार में पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 13 लाख 42 हजार 109 सोमवार तक हुई।
यह है कपाट बंद होने की प्रक्रिया
बद्रीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि 15 नंवबर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पहले दिन भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे। 16 को आदि केदारेश्वर के कपाट बंद होंगे। 17 को खड़क पुस्तक बंद होगी। 18 को लक्ष्मी जी को न्यौता दिया जाएगा। पूजन होगा। लक्ष्मी कड़ाई का निर्वहन होगा। 19 नवम्बर को प्रातः काल से ही भगवान बद्री-विशाल के मंदिर का फूल सिगांर होगा। रावल जी स़्त्री जी का वेश धारण कर लक्ष्मी को बद्रीनाथ के मंदिर में विराजेंगे। सात बजकर 28 मिनट पर कपाट बंद होंगे।