रिमझिम बारिश और ज़ायकेदार पहाड़ी खाना

    0
    1255

    तपती गर्मी और लू के बाद एक बार फिर मौसम ने करवट बदली और पहाड़ी क्षेत्रों के साथ साथ मैदानी क्षेत्रों में रिमझिम बूंदा-बांदी हो रही हैं।ऐसे मौसम में अगर कुछ पहाड़ी खाना हो जाए तो उसका मज़ा ही कुछ और है।जी हां हम बात कर रहे हैं आपके पसंदीदा पहाड़ी खाने की जो इस मौसम में आपको तरोताजा कर देगा।

    अगर आप खाने के शौकिन है तो यह मौसम आपके लिए एक अच्छा बहाना है स्वादिष्ट व्यंजनों को खाने का।

    आइये आपको लेकर चले पहाड़ के कुछ मशहूर खाने की तरफः

    पत्यूड़/पीनालू (अरबी)- अरबी को पहाड़ी भाषा में पीनालू कहते हैं।पहाड़ी क्षेत्रों जैसे इसका इस्तेमाल और कही इतना नहीं होता।पहाड़ी में इन पत्तों के पकौड़े बनाए जाते हैं जो बारिश के समय आपके खाने को और स्वादिष्ट बना देगा।इसके साथ ही इसकी मसालेदार सब्जी भी बनाई जाती है जो पहाड़ में भात(चावल) के साथ खाते हैं।जैसा कि हमने पहले बताया कि इस पत्ते का इस्तेमान पहाड़ी क्षेत्रों जितना कहीं और नहीं है मतलब अरबी के पत्तों के साथ आए दिन नए नए आविष्कार कर अलग अलग तरह के पकवान बनाएं जाते हैं।

    colocasia-leaves-fritters

    आलू के गुटके – य़ू तो आलू के गुटके हर मौसम में लोगों की पहली पसंद है लेकिन बारिश के साथ इसकी डिमांड और बढ़ जाती है।आलू के गुटके बनाने के लिए पहले आलू को उबालकर उसमें पहाड़ी जखिया का तड़का लगाते हैं और उपर से मसाले मिलाने के बाद यह एक स्वाद से लबालब व्यंजन बनकर तैयार होता है।पहाड़ में लोग इसको पूरी और रोटी के साथ खाना पसंद करते हैं।

    d755fdc7d32b293c989e3e25f8a0b99a

    थच्यूली मूली- वैसे तो आपने मूली को सलाद के तौर पर इस्तेमाल होते देखा होगा लेकिन पहाड़ में इसको अलग तरह से बनाते और खाते हैं।इसको बनाना बहुत आसान है सिर्फ मूली को सिलबट्टे पर हलका सा कुटकुटा कर इसमें मेथी दाने से छौंका लगाते है।यह व्यंजन थ्चयूला मूली के नाम से जाना जाता है और बहुत ही स्वास्थयवर्धक होता है।

    Radish_Leaves_Stir_fry__Radish_leavesmoongdal_stir_fry

    उड़द दाल के पकौड़े- अगर आप पहाड़ी है तो आप दाल के पकौड़ों के महत्व को जानते होंगे।दाल के पकौड़े ना केवल एक पकवान है बल्कि इसका महत्व पहाड़ी लोगों के लिए इससे बढ़कर है।किसी भी शुभ अवसर पर पकौड़े बनाने का पहाड़ में रिवाज है।चाहें शादी हो या पूजा-पाठ या फिर जन्मदिन दाल के पकौड़े बनाना एक शुभ रिवाज है।रिमझिम बारिश में स्वादिष्ट पकौड़ों के साथ चाय मिल जाए तो दिन बन जाता है।

    IMG_6682

    कंडाली साग- पहाड़ों में उगने वाला बिच्छु घास एक जंगली पौधा है।लेकिन यह पहाड़ी घरों में पकवान बनाने के लिए इस्तेमाल होता है।बिच्छु घास से बनाया जाने वाला यह साग खाने में बहुत ही स्वादिष्ट और फायदेमेंद होता है।

    क

    झोली (पहाड़ी कढ़ी)- झोली उत्तराखंड राज्य का एक पारंपरिक खाना है। झोली यानि कढ़ी, जिसे गरम चावल के साथ खाते हैं।स्वादिष्ट कढ़ी को बनाने के लिए बेसन और दही का इस्तेमाल किया जाता है।दही के साथ बनाने की वजह से यह पेट के लिए लाभकारी होता है और इसे देसी घी के साथ खाने में इसका स्वाद दोगुना हो जाता है।

    कढ़ी

    अगर आप सच में खाने का शौक रखते हैं तो इनमें से कुछ ना कुछ तो ऐसा होगा जो आपको पसंद आएगा।तो अब आप मौसम का लुत्फ लें और बनाए कुछ पहाड़ी व्यंजन जो खाने में तो स्वादिष्ट है ही, सेहत के लिए भी लाभकारी है।