उत्तराखंड में बीते 24 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गढ़वाल क्षेत्र में बारिश से भारी नुकसान भी हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में मलबा आने से 100 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं, तो देहरादून और हरिद्वार में जलभराव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नदी-नाले उफान पर हैं। टिहरी झील का जलस्तर भी 817 मीटर पर पहुंच गया है। हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा के करीब है तो यमुना का जलस्तर भी बढ़ गया है। हालात के मद्देनजर प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम के तेवरों को देखते हुए शासन ने भी सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
उधर, बद्रीनाथ के पास लामबगड़ में तीन मीटर हाईवे बह गया है। प्रशासन ने 250 से ज्यादा यात्रियों को गोविंदघाट और पांडुकेश्वर के साथ ही विभिन्न पड़ावों पर रोक दिया है। सोनप्रयाग के पास भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे पर भी आवागमन बाधित है। कुमाऊं के पिथौरागढ़ की ऊंची चोटियों पर हिमपात के समाचार हैं।
बारिश और भूस्खलन के चलते देहरादून के ग्रामीण क्षेत्रों में खासा नुकसान हुआ है। जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर में पुरटाड़ गांव में पहाड़ी दरकने से एक मकान और चार गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। दहशतजदा ग्रामीणों ने जागकर रात गुजारी। एसडीएम चकराता बृजेश कुमार तिवारी ने राजस्व टीम को मौके पर जाने के निर्देश दिए हैं।
दूसरी ओर टिहरी जिले में मसूरी से 20 किलोमीटर दूर भटोली ग्रामसभा में चट्टान दरकने से एक गोशाला धवस्त हो गई। इससे मलबे में दबकर 31 बकरियों की मौत हो गई। हरिद्वार में भी बारिश का असर देखने को मिला। हाईवे पर कटाव से आवाजाही तो बाधित रही ही, कई स्थानों में घंटों बिजली गुल रही।
वहीं, पिथौरागढ़ में पंचाचूली राजरम्भा, नंदाकोट और नंदाघूंघट समेत 06 चोटियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। इसके अलावा नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत और ऊधमसिंह नगर जिलों के अधिकतर क्षेत्रों में दिनभर बारिश का दौर रहा।
अगले 24 घंटे भारी
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश पर अगले 24 घंटे भारी गुजर सकते हैं। विशेषकर पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी से भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने प्रशासन से सतर्क रहने को कहा है।