बारिश से पर्यटन उद्योग के चेहरे पर छाये काले बादल

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उत्तराखंड में दो दिन से हो रहीं बारिश ने जहां आम जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया वहीं मसूरी से काफी पर्यटकों ने वापस अपने घर जाने का मन बना लिया है।

बारिश के 48 घंटे का अलर्ट जैसे ही शुरू हुआ पूरा प्रदेश पानी-पानी हो गया। हर नदी नाला उफान पर था और सभी प्रमुख राज्य मार्ग भूस्खलन के चलते बंद हो गए। यहीं हाल मसूरी देहरादून, मसूरी-धनौल्टी मार्ग का भी था। मानसून का असर चार धाम यात्रा सहित मसूरी, धनौल्टी, काणाताल पर भी देखने को मिला। जगह जगह रोड ब्लॉक और बारिश ने पर्यटकों के कदम यहा आने से रोक दिए थे, जिसके चलते यहां अाये पर्यटक भी बारिश रुक अपने घर जाने को बेचैन दिखे।

मौसम के अलर्ट को मीङिया के जिरये काफी दिखाया गया, जिस के चलते लोगों के मन में ङर बैठ गया आज आखिरकार जब बारिश दो दिन बाद रुकी तो लोग होटलों और धर्मशालाओं से निकल कर घर वापस जाने के इच्छुक दिखे ।

दो दिन से बारिश से होटल व्यवसाय से जुड़े चेहरों की रौनक फींकी पड़ गई, संदीप साहनी होटल और रेस्टोरंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट का कहना है कि- बीते दो दिन होटल व्यवसायियों के लिए अच्छे नहीं गुजरे,पर्यटक नाहोने की वजह से बिजनेस मंदा रहा लेकिन उम्मीद है आने वाले दिनों में सबकुछ ठीक होगा।साहनी ने कहा कम पर्यटक होने की वजह एक तो मौसम है दूसरा सोशल मीडिया पर गलत अफवाहें हैं,जो भी हो नुकसान हुआ है,इस बीच लोगों की इन्कव्यायरी भी नहीं आई और साथ पहले से हुई बुकिंग भी कैंसिंल करवाई गई है।

मसूरी सदियों से देश विदेश में रहने वाले लोगों की पहली पसंद व आकर्षण का एक केंद्र रही है। लेकिन मौसम की मार हर बार यहा आने वालों को प्रभावित करती है जिसके चलते जून के अंतिम सप्ताह से सीजन में कमी आई, जो दो दिन की बारिश ने अौर भी पूरी कर दी।