पिछले 48 घंटो से हो रही बारिश ने उत्तराखंड के जीवन क अस्त व्यस्त कर दिया है, चाहें वह पहाड़ी क्षेत्र हो या मैदानी इलाके।जहां देहरादून में भारी बारिश के बाद सड़के नदियों में तब्दील हो गई हैं वहीं पहाड़ी क्षेत्रों नदिंयों ने उग्र रुप ले लिया है। शहर के कुछ स्कूलों में पानी भरने से स्कूलों को बंद करना पड़ा, दूसरी ओर रिस्पना, बिंदाल, सोंग व सुसवा नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से आसपास के घरों में पानी भर गयें जिसके चलते लोगों के सुरिक्षत जगह ले जाया गया।
देहरादून जिला भी मौसम के असर से खासा प्रभावित हुआ, कल मसूरी के पास एक पिकअप वाहन पर बोल्डर गिरने से वाहन में सवार तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। दून शहर में भी एक व्यक्ति की परसों देर रात रिस्पना नदी में डूब जाने की खबर मिली, देर रात भारी बारिश के बीच वह घर में घुसे बरसाती पानी को निकाल रहा था कि उसका पैर फिसल गया। इसके अलावा सिल्ला गांव में बादल फटने के बाद 10 मवेशी मलबे में दब गए।
मौसम विभाग की सटीक और समय से मिली मौसम की जानकारी के साथ-साथ प्रशासन की पूरी तैयारी ने बारिश की वजह से आने वाली भारी संकट को कुछ हद तक रोक दिया। प्रदेशभर से भूस्खलन, मलबा गिरना, बरसाती नदियां उफान में और जगह-जगह मवेशी और मानव मृत्यु दर्ज की गई; लेकिन जिस तरह जून 2013 में आई तबाही ने प्रदेश को हिला दिया था इस बार अतीत से पाठ पढ़ सरकार और प्रशासन की सूझ-बूझ से भारी तबाही को रोका जा सका हैं। प्रशासन व पुलिस, एसजीएरएफ पूरी तरह मुस्तेद दिखी अौर हर जगह रखी गई पैनी नजर।
इस साल जबसे चारधाम यात्रा शुरु हुई है ,पहली बार ऐसे 48 घंटो के लिए मौसम को ध्यान में रखते हुए चारधाम यात्रा को लिए स्थगित कर दिया गया जिससे कियी भी प्रकार की अनहोनी ना होने पाए।चार जिलों के डीएम, नैनीताल,रुद्रप्रयाग,हरिद्वार और देहरादून ने समय होते ही स्कूल बंद कर दिए ताकि बच्चों को कोई परेशानी ना हो और वह अपने घरों में सुरक्षित रहें।
मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में अच्छी खबर है।मौसम विभाग के डायरेक्टर विक्रम बक्शी बताते हैं कि आने वाले 13 से 20 के बीच में मानसून की बारिश में कमी आएगी और मौसम खुशनूमा बना रहेगा।