बेटी बचाओ ​अभियान छोड़कर बेटा बचाओ में जुटी भाजपा सरकार : राज बब्बर

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देहरादून। यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व उत्तराखण्ड से राज्यसभा सांसद राज बब्बर ने भाजपा व पीएम पर प्रहार करते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ अभियान चलाने वाली पार्टी, अब बेटा बचाओ मुहिम’ में जुट गई है। यही कारण है कि केन्द्रीय मंत्री भी एक व्यापारी के बचाव में अपनी गरिमा को ताक पर रख सफाई दे रहे हैं।

मंगलवार को दून स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में अभिनेता से नेता बने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की मौजूदगी में प्रेस को संबोधित करते हुए केन्द्र और भाजपा सरकार को खरी-खरी सुनाई। इस मौके पर उन्होंने पीएम को बेचारा शब्द से संबोधित करते हुए कहा कि एक और जहां प्रधानमंत्री स्वयं को चाय बेचने वाला बताकर देश को मजबूती प्रदान करने का देश ही नहीं विदेशों में भी ढिंढ़ोरा पीट रहे हैं। वहीं सत्ता की चाबी संभाले पिता के पुत्र एक साल में सौ 16 हजार गुना ‘जय हो’ कंपनी से मुनाफा कमा कर नैतिकता वाली पार्टी की सच्चाई को भ्रष्ट्रचार के दलदल में धकेल दिया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री पर सीधे-सीधे हमला बोलते हुए कहा कि मोदीजी कहते हैं हम परिवार नहीं देश की खातिर चौकीदार बनकर काम करेंगे। अब उन्हें बताना होगा वे चौकीदार हैं या भागीदार? जो पार्टी मंदिरों के नाम पर लोगों को वर्षों-वर्षों से गुमराह कर रही है। मंदिर बना या नहीं यह अलग की बात है, लेकिन टेम्पल भ्रष्ट्रचार से पार्टी जुड़ गई। यह बड़ी बात है। ऐसी पार्टी से क्या उम्मीद रखी जाए जो नंगा नाच कर ‘बेटी बचाओ’ छोड़कर ‘बेटा बचाओ’ मुुहिम में लग गई है।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने केन्द्र सरकार को घेरते हुए कहा कि तीन साल के शासन को भाजपा जगह-जगह अपनी कामयाबी गिना रही है। लेकिन नोटबंदी से पहले और अबतक लोगों को परेशानी छोड़ कभी आराम नहीं मिला। लोगों को धर्म के नाम पर दिग्भ्रमित कर सत्ता में पहुंच गई, लेकिन एक भी वायदे पूरा होता नहीं दिख रहा। सत्ता तक पहुंचने के लिए किसान से लेकर बेरोजगारों से एक बार मौका देने का आग्रह किया और जनता ने सत्ता भी सौंप दी। लेकिन जनता के बदले पिता के पुत्र की कंपनी मुनाफा जादू की तरह बढ़ गया और कंपनी बंद भी हो गई। शायद ही कोई अन्य व्यवसायी इस तरह का मुनाफा कमाया हो। फिर भी सरकार की एक भी जांच एजेंसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने चाल, चरित्र और नैतिकता वाली पार्टी बताते हुए भाजपा के लाल कृष्ण आडवाणी,बंगारू लक्ष्मण और नितिन गडकरी पर लगे आरोपों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब उन पर आरोप लगे तो उन्होंने अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अमित शाह अपनी पार्टी की परंपरा को निर्वहन करते हुए अपने पद से इस्तीफा के साथ स्वयं आकर सफाई देनी चाहिए। राज्यसभा सांसद ने कहा कि उत्तराखण्ड सहित पूरे देश में मंदिरों के प्रति लोगों में आस्था है, लेकिन जिस पार्टी ने मंदिरों के नाम पर अर्श से लेकर फर्श तक का सफर किया वही ‘जय हो’ के नाम पर 16000 गुना बढ़ोतरी कर भ्रष्टाचार का नमूना पेश कर लोगों को उलझन में डाल दिया है। जिसके अंकल पीएम हों और पिता के पास सत्ता की चाबी हो, उसका कोई क्या बिगाड़ सकता है। जांच करना तो दूर की बात जांच उसके आसपास भी फटक नहीं सकती।
उन्होंने कहा कि ऐसा कौन-सा बिजनेस स्कूल है जिसमें इस तरह की शिक्षा मिलती है। सारे प्रबंधन कोर्स पीछे रह गए जय शाह के मुनाफे के सामने। जय शाह को किसानों के हित में लगाना चाहिए, जिससे किसान आत्महत्या करना बंद कर दें और फायदे में रहें। यूपी अध्यक्ष ने अमित शाह, पुत्र व धर्मपत्नी के नाम पर बनी कंपनी के आंकड़े व सरकार से मिले लोन व डाटा संबंधी जानकारियां देते हुए सात सवालों का जनता को जवाब देने को कहा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल जय शाह के बचाव में उतर आए, क्या अन्य व्यापारी जो उत्पीड़न के शिकार हैं, उनके पक्ष में आकर इस प्रकार केन्द्रीय मंत्री सफाई देंगे।
अध्यक्ष राज बब्बर ने गोरक्षकों को कोसते हुए कहा कि सरकार इनकों अगर रोजगार देती तो शायद ये ट्रेन, बस और चौक-चौराहे पर लोगों की गाय के नाम पर पिटते नहीं घूमते। उन्होंने संघ पर धर्म, परंपरा और भारतीयता की दुहाई की बात कहते हुए कहा कि खुद तिरंगे से कुछ साल तक दूरी बनाए रखा और ऐसे संगठन से जुड़े लोग इस प्रकार का कार्य कर देश को बदनाम किया है। राज बब्बर ने ने इस पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट के दो पदासीन जज से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार जांच बैठाए। सारी सच्चाई सामने आ जाएगी अन्यथा पुत्र मोह में पार्टी के साथ देश बर्बाद हो जाएगा।